Jharkhand Economic Survey: शिक्षा में बेटियों की विकास दर बेटों से अधिक, एससी-एसटी की भी तेज रफ्तार

Jharkhand Economic Survey News Update झारखंड में स्कूली शिक्षा में सुधार हुआ है। उच्च शिक्षा में जीईआर छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार की जरूरत है। स्कूली शिक्षा में छात्रों के सीखने के परिणामों में भी प्रभावशाली सुधार हुआ है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 08:08 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 08:12 PM (IST)
Jharkhand Economic Survey: शिक्षा में बेटियों की विकास दर बेटों से अधिक, एससी-एसटी की भी तेज रफ्तार
Jharkhand Economic Survey स्कूली शिक्षा में छात्रों के सीखने के परिणामों में भी प्रभावशाली सुधार हुआ है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Economic Survey झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण-2020-21 की रिपोर्ट ने झारखंड के लिए अच्छी खबर लाई है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोग, जो कि कभी शैक्षणिक रूप से काफी पिछड़े थे, आज वे तेजी से इस मामले में अन्य समुदायों की बराबरी करते नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर इन दोनों वर्गों का ग्रास इनरॉलमेंट रेशियो (जीईआर) राज्य के ग्रास इनरालमेंट रेशियो से अधिक है।

प्राथमिक कक्षाओं (वर्ग एक से आठ) में राज्य का यह रेशियो जहां 95 फीसद है, वहीं अनुसूचित जातियों में यह दर 102.4, जबकि अनुसूचित जनजातियों में 99 फीसद है। प्रारंभिक कक्षाओं (वर्ग एक से छह) के मामले में यह रेशियो क्रमश: 102.6, 110.9 तथा 109.2 फीसद है। उच्च शिक्षा में भी इन दोनों वर्गों ने तीव्र गति से विकास किया है। रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि शिक्षा के सभी स्तरों पर लड़कियों की विकास दर लड़कों की तुलना में थोड़ी अधिक है।

रिपोर्ट के अनुसार राज्य में स्कूली शिक्षा में काफी सुधार हुए हैं, लेकिन उच्च शिक्षा में जीईआर तथा छात्र-शिक्षक अनुपात में काफी सुधार की जरूरत है। इन दोनों सूचकांकों में राज्य की स्थिति राष्ट्रीय औसत से नीचे है। स्कूली शिक्षा में छात्रों के सीखने के परिणामों में भी प्रभावशाली सुधार हुआ है। आधारभूत संरचनाओं के मामले में भी राज्य के अधिसंख्य स्कूलों की स्थिति अच्छी है।

वर्ष 2019-20 में माध्यमिक विद्यालयों से संबद्ध कक्षाओं में से जहां महज चार फीसद की मरम्मत की आवश्यकता थी, वहीं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के मामले में महज एक फीसद कक्षाओं की ही मरम्मत की आवश्यकता पाई गई। हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण में स्कूली शिक्षा में शिक्षकों की कमी का जिक्र भी है। 16 फीसद स्कूलों में केवल एक शिक्षक तथा 43 फीसद स्कूलों में महज दो शिक्षक उपलब्ध हैं। केवल 15 फीसद स्कूल ही ऐसे हैं, जहां पांच या इससे अधिक शिक्षक हैं। हालांकि राज्य में शिक्षकों की संख्या में 0.6 फीसद की वृद्धि हुई है तथा छात्र-शिक्षक अनुपात 46.1 से घटकर 37.8 हो गया है।

रिपोर्ट के अनुसार राज्य में वर्ष 2001 से 2018-19 के बीच साक्षरता दर में लगभग 37 फीसद की वृद्धि हुई है। पुरुषों की साक्षरता दर में लगभग 30 फीसद तथा महिलाओं की साक्षरता दर में 70 फीसद की वृद्धि हुई है। उच्च शिक्षा की बात करें तो वर्ष 2018-19 में ग्रास इनराॅलमेंट रेशियो बढ़कर 19 फीसद हो गया है लेकिन यह राष्ट्रीय औसत 26.3 फीसद से काफी कम है। इसी तरह काॅलेजों में छात्र-शिक्षक अनुपात 73 है जो अखिल भारतीय अनुपात 29 से दोगुने से भी अधिक है।

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