झारखंड में खिलाड़ियों का बनेगा डाटाबेस, दिया जाएगा अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर का प्रशिक्षण

Jharkhand Sports News. मुख्‍यमंत्री ने कहा कि पांच साल बाद खेल नीति का परिणाम देखने को मिलेगा। कहा‍ कि खिलाड़ियों के लिए पोर्टल शुरू हो जहां वे अपना ब्योरा दर्ज करा सकें।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 18 Jul 2020 02:19 PM (IST) Updated:Sat, 18 Jul 2020 02:23 PM (IST)
झारखंड में खिलाड़ियों का बनेगा डाटाबेस, दिया जाएगा अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर का प्रशिक्षण
झारखंड में खिलाड़ियों का बनेगा डाटाबेस, दिया जाएगा अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर का प्रशिक्षण

रांची, जासं। झारखंड में खिलाडिय़ों का डाटाबेस तैयार कर उन्हें बेहतर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय फलक पर देश व राज्य का नाम रोशन कर सकें। रांची स्थित झारखंड मंत्रालय में शुक्रवार को मुख्यमंत्री के समक्ष 'स्वस्थ झाररखंड, खुशहाल झारखंड' की अवधारणा के साथ खेल नीति 2020 की प्रस्तुतिकरण दी गई।

प्रेजेंटेशन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि खेल नीति 2020 में राज्य में खेले जाने वाले खेल एवं खिलाडिय़ों को प्राथमिकता देते हुए प्रतिभा की पहचान कर बेहतर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों के अनुरूप तैयार किया जा सके। खेल नीति में खेल के मैदान का निर्माण प्रखंड स्तर पर करने की भी बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल नीति का परिणाम पांच वर्ष बाद सामने आएगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि एक पोर्टल प्रारंभ करें, जहां राज्य के खिलाड़ी अपना ब्योरा दर्ज करा सकें। खिलाडिय़ों का डाटाबेस तैयार करें। यह खेल नीति को और कारगर बनाने में सहायक होगा। संभावित खेल नीति में खेलों को प्राथमिकता के आधार पर तीन वर्गों में बांटा गया है।

पहली श्रेणी में अधिक संभावना वाले खेलों में एथलेटिक्स, हॉकी, तीरंदाजी, फुटबॉल, बैडमिंटन, कुश्ती, साइकिलिंग और कबड्डी को रखा गया है। दूसरी श्रेणी में वुशु, बॉलीबाल व दिव्यांग खेल तथा तीसरी श्रेणी में कम संभावना वाले खेलों में मुक्केबाजी, खो-खो, निशानेबाजी, जिमनास्टिक व अन्य खेलों को रखा गया है।

खेल नीति 2020 में खिलाडिय़ों को छात्रवृत्ति देने और पूर्व खिलाडिय़ों के लिए पेंशन योजना का लाभ देने को भी शामिल किया गया है। बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सचिव हिमानी पांडेय, सचिव पूजा सिंघल आदि उपस्थित थीं।

खिलाडिय़ों के लिए आरक्षण

संभावित खेल नीति में ग्रामीण खेल केंद्र, खेल अकादमी, खेल विवि, खेल विज्ञान, खेल प्रतिभा खोज, खेल संरचना विकास, प्रशिक्षक विकास, खेल एवं खिलाड़ी प्रोत्साहन, खिलाडिय़ों के लिए आरक्षण (शिक्षण संस्थानों में तीन प्रतिशत एवं सरकारी नौकरी में दो प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण व भर्ती) झारखंड के खिलाडिय़ों को राज्य स्तर की द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरी में सीधी भर्ती, फिजिकल फिटनेस प्रोग्राम, खेल ब्रांडिंग को विशेष रूप से शामिल किया गया है।

प्रशिक्षकों का भी रखा गया है ध्यान

इसमें सर्वश्रेष्ठ पीएचई, पीटी शिक्षक एवं जमीनी स्तर के कोच के लिए पुरस्कार को शामिल किया गया है। पीटी शिक्षक एवं जमीनी स्तर के प्रशिक्षकों के लिए राज्य प्रतिभा पूल बनाया जाएगा। खेल गतिविधियों और कम्युनिकेशन कौशल के संबंधित पीपीपी और प्रायोजकों को आकर्षित करना, फुटबॉल, हॉकी आदि के लिए झारखंड प्रीमियर लीग का आयोजन कर चिह्नित खेलों, ग्रामीण स्तरीय खेल, पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना भी शामिल किया गया है।

इसके अलावा  डोपिंग मुक्त खेल की दुनिया को सुनिश्चित करने के लिए झारखंड में नेशनल स्पोट्र्स डेवलपमेंट कोड ऑफ इंडिया की तरह के कानूनों को लागू किया जाएगा। खेल विभाग उन संगठनों को भागीदार बनाने का कार्य भी करेगा, जो झारखंड में स्कूली बच्चों में स्पोट्र्स डेवलपमेंट के लिए इच्छुक हैं। फुटबॉल, तीरंदाजी और एथलेटिक्स में रोड मैप के लिए विशेष सहकारिता पहल एवं राज्य में खेल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए स्टेट स्पोट्र्स डेवलपमेंट फंड के निर्माण को भी शामिल किया गया है।

संभावित खेल नीति की खास बातें राज्य के सभी बालक-बालिकाओं एवं युवा तथा सभी आयु वर्ग के नागरिकों के लिए खेल को उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने और सारी गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराना। प्रतिभाशाली बाल व युवा खिलाडिय़ों को चयनित खेलों में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिखर तक जाने के लिए तैयार करना। खिलाडिय़ों की प्रतिभा की पहचान कर उसे मौका देना। प्रशिक्षण दे देकर उनका सर्वांगीण विकास और आगे चलकर उन्हें चैंपियन बनाने की दिशा में कार्य करना।

खेल नीति का उद्देश्य

राज्य में खेलों में खिलाडिय़ों का अभूतपूर्व निर्माण एवं विकास करना, खेल को आकर्षक एवं व्यवहार्य करियर विकल्प के रूप तैयार करना।  पंचायत स्तर से राज्य स्तर तक खेल को सामाजिक परिवर्तन और विकास उत्प्रेरक बनाना। हर उम्र के नागरिकों के लिए खेल एवं शारीरिक गतिविधियों के लिए वातावरण तैयार करना। खिलाडिय़ों का डाटा बेस तैयार कर अंतरराष्ट्रीय क्षमता मानक के साथ सुविधाएं संसाधन उपलब्ध कराना। देशज एवं पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन देना। खेल पर्यटन को बढ़ावा देना एवं दिव्यांग खिलाडिय़ों को भी समान अवसर प्रदान करना।

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