Coronavirus Lockdown: जब बढ़ गई इनकी जिम्‍मेदारी, कर रहे सबकी मदद बारी-बारी

Coronavirus Lockdown लॉकडाउन में कई लोग रहनुमा बनकर सामने आए हैं और जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन दुरुह जंगलों से होकर नक्‍सली इलाकों में मदद पहुंचा रही।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Fri, 24 Apr 2020 01:34 PM (IST) Updated:Fri, 24 Apr 2020 06:26 PM (IST)
Coronavirus Lockdown: जब बढ़ गई इनकी जिम्‍मेदारी, कर रहे सबकी मदद बारी-बारी
Coronavirus Lockdown: जब बढ़ गई इनकी जिम्‍मेदारी, कर रहे सबकी मदद बारी-बारी

रांची, जेएनएन। Coronavirus Lockdown कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन ने लोगों की रोजी-रोटी पर चोट पहुंचाई है। कई लोग ऐसे हैं जो रोज कमाने-खाने वाले हैं। लॉकडाउन ने उनकी आजीविका को बंद कर दिया है। हालांकि इस बुरे समय में भी कई लोग रहनुमा बनकर सामने आए हैं और जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। देश की सुरक्षा में सीआरपीएफ सुरक्षा बल अपनी जिम्‍मेदारी के साथ-साथ गरीबों और जरूरतमंदों की मदद भी कर रहे हैं। झारखंड पुलिस भी अपने जिम्‍मेदारी के साथ लोगों तक सामुदायिक रसोई के माध्‍यम से बना-बनाया भोजन पहुंचा रही है। रांची के तमाड़ इलाके में सीआरपीएफ के 196 बटालियन के नेतृत्व में तमाड़ थाना क्षेत्र के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र नीमडीह, कुद्दा, दारिदा गांव के 108 गरीब व असहाय परिवारों के बीच चावल, दाल, आलू, प्याज आदि का वितरण किया गया।

इस मौके पर विजयगिरी सीआरपीएफ कैम्प के कंपनी कमांडर मीर हुसैन ने ग्रामीणों को कोरोना माहामारी से बचाव को लेकर शारीरिक दूरी का पालन करने के नियम सहित कई तरह की जानकारी दी। सभी को मास्क पहने रहने और हर आधे घंटे के अन्तराल में हाथ धोने का महत्व समझाया। कहा कि अनावश्यक रूप से घर से बाहर ना निकलें और घर में ही रहने को कहा। मौके पर ग्राम प्रधान समेत सीआरपीएफ के जवान उपस्थित रहे।

नक्‍सल क्षेत्रों में पुलिस की सामुदायिक रसोई

इधर, झारखंड पुलिस ने भी अपने कर्तव्‍यों के साथ लॉकडाउन में लोगाें की मदद करने में जुटी हुई है। झारखंड के घोर नक्‍सल प्रभावित 70 पुलिस पिकेट व थाने में सामुदायिक रसोई शुरू की गई है। यहां पुलिस के जवान यहां भोजन की थाल लेकर भूखे ग्रामीणों के बीच घूम रहे हैं और उन्हें खाला खिला रहे हैं। सामुदायिक रसोई से आम लोगों को काफी राहत मिल रही है। कोई भी व्यक्ति, कोई भी परिवार भूखा न रहे, इसका ख्याल रखा जा रहा है। गांव-गांव में यह संदेश भी पहुंचाया गया है कि पुलिस सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक मुफ्त में भोजन करा रही है। जिन्हें भोजन करना है, वे वहां जाकर भोजन कर सकते हैं। जहां ग्रामीण पहुंचने में असमर्थ हैं, वहां तक जवान अपनी गाड़ी से भोजन लेकर पहुंच रहे हैं।

रांची में फंसी ओडि़शा की युवती की मदद को बढ़े हाथ

रांची में एक कंपनी में काम करने वाली ओडि़शा की लड़की लॉकडाउन के कारण फंस गई। वह जिस कंपनी में काम कर रही थी, उस कंपनी ने सैलरी देने की बात कही थी, लेकिन समय पर सैलरी नहीं मिलने से युवती को परेशानी होने लगी। युवती के पास राशन के लिए भी पैसे नहीं बचे। वह लाॅकडाउन के कारण अपने घर ओडि़शा भी नहीं जा सकती थी। इस संकट की घड़ी में उसने ट्विटर पर रांची के डीसी से मदद मांगी। इसके बाद रांची जिला प्रशासन की ओर से युवती को राशन सामग्री उपलब्‍ध कराई गई और साथ कंपनी को सैलरी देने का निर्देश दिया।

डालसा उपलब्‍ध करा रहा राशन

जिला विधिक सेवा प्राधिकार, डालसा विधिक कार्य के साथ-साथ जरूरतमंदों की सेवा में भी बेहतरीन उदाहरण पेश कर रहा है। झालसा के आदेशानुसार डालसा रांची जिले में सेवा रथ के माध्यम से जरूरतमंदों को तो राशन उपलब्ध करा ही रहा है, जिले के जरूरतमंद कर्मयोगियों को भी राशन उपलब्ध करा रहा है। दैनिक जागरण की अपील पर 1500 कर्मयोगियों को राशन उपलब्ध कराने का निश्चय किया है। झालसा के सदस्य सचिव एके राय व न्यायायुक्त नवनीत कुमार के निर्देशानुसार डालसा सचिव अभिषेक कुमार द्वारा चार दिनों में अब तक 966 कर्मयोगियों को राशन उपलब्ध कराया गया। प्रत्येक कर्मयोगी को तीन किलो चावल, एक किलो दाल, सरसो तेल, एक पैकेट बिस्कुट, नमक, सब्जी का मसाला आदि दिए जा रहे हैं। गुरुवार को कोकर के डॉन बास्को स्कूल परिसर में 275 कर्मयोगियों के बीच राशन बांटे गए।

कोकर में 200 आदिवासी परिवारों को दिया अनाज

कोकर स्थित ढेलाटोली के सरनास्थल के पास उमेश राय, नरबी कच्छप, पाबो उरांव व अन्य समाजसेवियों के सान्निध्य में गरीबों के बीच अनाज का वितरण किया गया। गुरुवार को 200 जरूरतमंद आदिवासी परिवारों को चावल, दाल, आटा, आलू, नमक और जरूरत के अन्य सामान उपलब्ध कराए गए। इस मौके पर आदित्य गैस एजेंसी के संचालक उमेश राय, समाजसेवी नरबी कच्छप, पाबो उरांव, महेश तिवारी, मोती सिंह, रामेश्वर तिवारी, महावीर, जितेंद्र आदि उपस्थित थे। समाजसेवियों ने बताया कि यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। वितरण के दौरान शारीरिक दूरी का ध्यान रखा जा रहा है। सैनिटाइजेशन भी कराया जा रहा है।

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