थोड़ी सी ढील हुई और बढ़ गए कोविड के मरीज
थोड़ी लापरवाही हुई और कोविड के मरीज बढ़ गए। दरअसल दुर्गा पूजा के बाद मामले बढ़ रहे हैं।
जासं, रांची : थोड़ी लापरवाही हुई और कोविड के मरीज बढ़ गए। दरअसल, दुर्गा पूजा के बाद अब लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। चिताजनक यह है कि राज्य में सर्वाधिक संक्रमित रांची में मिल रहे हैं। राजधानी में अभी एक्टिव मरीजों की संख्या 100 के करीब पहुंच गई है। हटिया रेलवे स्टेशन पर 55 यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूरा स्वास्थ्य विभाग सकते में है। एक मरीज को रिम्स में भर्ती कराया गया है। एक दिन पहले भी रांची से ही सबसे अधिक 26 नए संक्रमित मिले थे, जिसके बाद से ही स्टेशनों में कोरोना जांच का दायरा बढ़ाया गया। प्रशासन की ओर से मुस्तैदी बरती जा रही है ताकि हर एक आने-जाने वाले यात्रियों की कोविड टेस्ट ऑन द स्पॉट हो सके। फिलहाल सभी संक्रमितों को ट्रेस किया जा रहा है। 22 दिनों में कोरोना के केस हो गए दोगुने : इस माह राज्य में पिछले 22 दिनों में कोरोना केस दोगुने हो गए हैं। झारखंड में संक्रमित मरीजों की संख्या 125 पहुंच गई है। लोगों की लापरवाही और प्रशासन की ढिलाई की वजह से संक्रमण फैल रहा है। लोग कोरोना गाइडलाइन भूलते जा रहे हैं। ऑटो स्टैंड, बाजार से लेकर बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन तक में लोग बिना मास्क के नजर आ रहे हैं। डाक्टरों के अनुसार पूजा के दौरान लोगों में कोरोना को लेकर लापरवाही देखी गई। जिसका परिणाम एक सप्ताह बाद ही देखने को मिल रहा है कि लगातार संक्रमित बढ़ रहे हैं। रांची में कोरोना मरीजों की स्थिति
अक्टूबर में कुल एक्टिव मरीज नए मरीज
1 अक्टूबर 49 5
2 अक्टूबर 49 7
3 अक्टूबर 52 5
4 अक्टूबर 40 3
5 अक्टूबर 42 4
6 अक्टूबर 30 6
7 अक्टूबर 34 13
8 अक्टूबर 43 6
9 अक्टूबर 44 4
10 अक्टूबर 46 5
11 अक्टूबर 45 11
12 अक्टूबर 50 11
13 अक्टूबर 56 7
14 अक्टूबर 57 8
15 अक्टूबर 63 3
16 अक्टूबर 61 5
17 अक्टूबर 62 7
18 अक्टूबर 64 11
19 अक्टूबर 76 11
20 अक्टूबर 77 13
21 अक्टूबर 83 16
22 अक्टूबर 98 26 ---------------
कोरोना जांच में आई कमी
हर दिन कोरोना जांच में काफी कमी आयी है। लोग जांच करवाने से भाग रहे हैं। जबकि जितनी भी जांच हो रही है उसमें से हर दिन रांची से मरीज मिल रहे हैं। रिम्स में हर दिन की जांच 300 तक पहुंच गई है जबकि यहां दो हजार तक सैंपलों की जांच होती थी। जांच के लिए लिए लोग रेलवे स्टेशन या अन्य स्टैंड पर भी नहीं रुक रहे हैं, जिस कारण इसमें कमी आयी है।
अभी त्योहार का मौसम आ रहा है और ऐसे में सतर्कता काफी जरूरी है ताकि किसी भी त्योहार में फिर से कोरोना का ग्रहण ना लग सके।
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क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डा विनोद कुमार कहते हैं कि सावधानी से यदि लोग दूर रहेंगे तो समस्या बढ़ सकती है। लोगों को खुद समझना होगा, अपने परिवार की सुरक्षा के लिए समझदार बनना होगा। वैक्सीन लें, मास्क पहने, सैनिटाइजर का प्रयोग करें और शारीरिक दूरी का पालन जरूर करें। फिलहाल जांच करवाने वालों की संख्या में कमी दिख रही है, जिसे बढ़ाना होगा।
---------------------- रिम्स में अनियमित होती रही जांच
दिनांक कितने कोरोना सैंपल की हुई जांच
01 अक्टूबर 1034
02 अक्टूबर 847
03 अक्टूबर 366
04 अक्टूबर 332
05 अक्टूबर 1531
06 अक्टूबर 911
07 अक्टूबर ---
08 अक्टूबर 366
9 अक्टूबर 1409
10 अक्टूबर 1085
11 अक्टूबर 194
12अक्टूबर --
13 अक्टूबर 1579
14 अक्टूबर 3785
15अक्टूबर 2223
16 अक्टूबर 00
17 अक्टूबर 831
18 अक्टूबर 199
19 अक्टूबर 1011
20 अक्टूबर 351
21 अक्टूबर 1245
22 अक्टूबर 1716
23 अक्टूबर 2125
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चिकित्सकों की अपील : पुरानी गलती फिर से न दोहराएं
कोरोना संक्रमित भले ही अस्पताल में भर्ती नहीं हो रहे हैं, लेकिन एक्टिव मरीज बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोग कहीं पुरानी गलती फिर से ना दोहराएं और सावधानी को अपनाते हुए कोरोना को मात दें। लोगों को खुद सक्रिय होकर वैक्सीन की दोनों डोज लेनी चाहिए और कोविड गाइडलाइन का पालन करना चाहिए।
- डा बी कुमार, रिम्स
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कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या का बढ़ना चिताजनक है। लोग बेपरवाह होकर बाजारों में निकल रहे हैं। त्योहार का मौसम शुरू हो गया है और मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। यदि लोग सचेत नहीं हुए तो एक बार फिर स्थिति खराब हो सकती है।
डा प्रभात, हेड, रिम्स कोविड टास्क फोर्स
---------------------- इस समय बच्चों को संक्रमण से बचाए रखना सबसे जरूरी है। बड़ों ने वैक्सीन ले ली है लेकिन बच्चों को घर से बाहर निकलने ना दें। उन्हें अभी संयम बरतने को कहें और लोगों से दूरी बनाए रखें।
डा एस सिडाना, शिशु रोग विशेषज्ञ ------------ 60 प्रतिशत मरीज जो रिम्स और सदर अस्पताल के ओपीडी पहुंचते हैं वे पोस्ट कोविड समस्याओं से हैं ग्रसित 24 मरीज पोस्ट कोविड के रिम्स में हैं भर्ती
20 मरीज सदर अस्पताल के हैं जो पोस्ट कोविड लक्षणों वाले हैं 40 प्रतिशत पोस्ट कोविड के निजी अस्पतालों में हैं भत
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