डायन बताकर दंपती को पीटा, भूत भगाने को कन्याओं से कराया नृत्य Ranchi News
Ranchi Jharkhand News रांची के ओरमांझी के डु़ंडे गांव में रात भर अंधविश्वास का खेल चला है। ओबर बदरी से पहुंची भगताई ने पहचान की। घटना के दो दिनों बाद भी दंपती थाने जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हैं।
ओरमांझी (रांची), जासं। Ranchi Jharkhand News गुमला जिले के कामडारा में अंधविश्वास में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या की घटना को लोग अभी भूले भी नहीं हैं कि अब डायन के शक में ओरमांझी में एक दंपती की शनिवार की रात पिटाई कर दी गई। हालांकि अभी तक इस संबंध में थाने में पीड़ित परिवार ने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है। ओरमांझी थाना क्षेत्र के डुंडे गांव में पूरी रात अंधविश्वास का खेल चलता रहा। गांव के अखरा में कुंवारी कन्याओं को भूत भरवाया (नृत्य कराया) गया।
यहां भगताइन द्वारा डायन की पहचान करने के बाद गांव के कुछ लोगों ने एक दंपती की पिटाई की। पीड़ित बताते हैं कि बेरहमी से पिटाई के क्रम में दो डंडे टूट गए। दोनों के शरीर में काफी दर्द है। पिटाई शनिवार की रात लगभग 12 बजे की गई है। घटना के दो दिन बीत जाने के बाद भी डर से शिकायत करने पीड़ित दंपती थाने तक नहीं पहुंचा है। उसे डर है कि कहीं गांव वाले उनकी जान न ले लें। फिलहाल गांव में सन्नाटा पसरा है। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
नौ कन्याओं के साथ लोटा लेकर अखरा में पहुंची थीं महिलाएं
बताया गया कि शनिवार की शाम को ओबर बदरी से एक भगताइन को बुलाया गया था। शाम को अखरा में ग्रामीणों की भीड़ जमा हुई। गांव की नौ कुंवारी कन्याओं के साथ सभी महिलाएं लोटा लेकर अखरा पहुंची थीं। भगताइन द्वारा पूजा-पाठ कर रात में कुएं से सभी लोगों के लोटा में जल भरवाया गया। इसके बाद भगताइन ने सभी से गांव के शिव मंदिर, बजरंग बली मंदिर, देवी मंडप व गवांदेवती में जल चढ़वाया गया। तब भगताइन ने ही दोनों दंपती को डायन होने की पहचान की। पिटाई के बाद रात भर सभी को अखरा में रखा गया। सुबह पांच बजे दर्द से कराहते हुए पीड़ित दंपती अपने घर पहुंचे।
आर्थिक दंड भी लगाया गया
भगताइन बुलाने से पूर्व गांव के कुछ लोग डलिया दिखने के नाम पर भगताइन के पास जाते थे। वहीं, भगताइन बुलाने में भी खर्च हुआ है। कुल खर्च लगभग 35 हजार रुपये पीड़ित दंपती को देने को कहा गया है। साथ ही गांव से बाहर जाने पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं, दंपती के गांव में गुजरने पर भी लोग उन्हें डायन बोलते हैं। साथ ही उनके दो बेटों में एक को रावण व दूसरे को राक्षस बोलते हैं। इससे दंपती के साथ परिवार वाले भी भयभीत हैं। आदिवासी बहुल इस गांव में जागरुकता की कमी है।
'डायन जैसा कोई मामला या सूचना थाने में नहीं आया है। शिकायत मिली तो निश्चित ही कार्रवाई होगी।' -श्यामकिशोर महतो, थाना प्रभारी ओरमांझी।