कोरोना संक्रमण से बचाव को जरूर लें वैक्सीन, मास्क पहनें; रोज दो कप काढ़ा पिएं

Jharkhand News Coronavirus Prevention झारखंड में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा डरा रहा है। पिछले कई दिनों से कोरोना के मरीजों की संख्‍या बढ़ने लगी है। इसलिए यह जरूरी है कि हम शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने वाले पदा‍र्थों का उपयोग करें।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 08:45 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 05:03 PM (IST)
कोरोना संक्रमण से बचाव को जरूर लें वैक्सीन, मास्क पहनें; रोज दो कप काढ़ा पिएं
Jharkhand News, Coronavirus Prevention शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने वाले पदा‍र्थों का उपयोग करें।

रांची, जासं। Jharkhand News, Coronavirus Prevention झारखंड में कोरोना संक्रमण के आंकड़े काफी डराने वाले हैं। शुक्रवार को राज्य में पिछले कई दिनों का सबसे ज्यादा 1925 लोग संक्रमित मिले। वहीं इसमें से 754 लोग केवल रांची में संक्रमित मिले हैं। इससे पहले एक दिन पूर्व गुरुवार को राज्य में 1,882 पॉजिटिव मामले सामने आए थे। ऐसे में हमारे लिए यह बेहद जरूरी है कि हम मास्क, सैनिटाइजर और शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ वैक्सीन के इस्तेमाल पर जोर दें।

कोरोना संक्रमण के पहले लहर के बीच आयुष मंत्रालय ने शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश खाने, योग करने, हर्बल चाय-काढ़ा और गर्म पानी पीने की सलाह दी थी। हमें इसे फिर से शुरू करना चाहिए। आयुर्वेदाचार्य डाॅ. भरत कुमार अग्रवाल बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के दौरान आयुर्वेद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी मददगार साबित हुआ है। ऐसे में रोज एक से दो कप काढ़ा का इस्तेमाल किया जा सकता है।

काढ़ा बनाने में तुलसी, काली मिर्च, गरम मसाला, सूखी अदरक, किशमिश आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही हल्दी वाला दूध भी कम से कम एक गिलास रोज लेना चाहिए। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। साथ ही, अन्य कई बीमारियों में भी काफी लाभ मिलता है। संक्रमण के दूसरे दौर में हर किसी को अपनी दिनचर्या में दिनभर गर्म पानी पीने की आदत, हर दिन कम से कम 30 मिनट योग अभ्यास, प्राणायाम करने और ध्यान करने को शामिल करना चाहिए।

डाॅ. भरत कुमार बताते हैं कि काढ़ा का इस्तेमाल सीमित करने से ही लाभ मिलता है। ज्यादा इस्तेमाल से यह शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। काढ़े की तासीर काफी गर्म होती है। ऐसे में जरूरत से ज्यादा पीने से इससे मुंह या पेट में छाले पड़ सकते हैं। इसके साथ ही दालचीनी, गिलोय, काली मिर्च, जैसी चीजों के ओवरडोज से पेट में दर्द, सीने में जलन, और एसिडिटी की समस्या हो सकती है। साथ ही, मधुमेह के मरीजों को च्यवनप्राश भी शुगर फ्री ही इस्तेमाल करना चाहिए।

chat bot
आपका साथी