मास्क की जगह गमछा लपेटने पर झारखंड पुलिस ने कहा, तू प्रधानमंत्री है क्या....चल अंदर...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंह पर गमछा बांधने की सलाह देते हैं तो आपको क्‍या आपत्ति है। इस पर पुलिस के जवान ने यह कहते हुए कैंप जेल भेज दिया कि तू प्रधानमंत्री है क्या...चल अंदर।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 07:14 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 09:50 AM (IST)
मास्क की जगह गमछा लपेटने पर झारखंड पुलिस ने कहा, तू प्रधानमंत्री है क्या....चल अंदर...
मास्क की जगह गमछा लपेटने पर झारखंड पुलिस ने कहा, तू प्रधानमंत्री है क्या....चल अंदर...

जमशेदपुर, जासं। Lockdown Update झारखंड की पुलिस प्रधानमंत्री का कहा भी नहीं मानती... जमशेदपुर में कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में जो लोग गमछा या रूमाल बांधकर बाहर निकल रहे हैं, वैसे लोगों को भी पुलिस पकड़कर जेल भेज रही है। बीते दो दिनों से प्रशासन द्वारा चलाए गए अभियान में कई ऐसे निर्दोष लोग सामने आए, जिन्‍हें गमछा लपेटने पर पुलिस ने जुर्माना वसूला और कैंप जेल भेज दिया। जब ऐसे लोगों ने पुलिस से कहा कि प्रधानमंत्री मुंह पर गमछा बांधने की सलाह देते हैं, तो आपको क्या आपत्ति है। इस पर पुलिस जवान ने कहा- तू प्रधानमंत्री है...चल अंदर। ऐसा कहते हुए उसे कैंप जेल भेज दिया गया। ऐसे तकरीबन 15 लोगों को पुलिस ने कैंप जेल भेजा है। हालांकि, जब पुलिस अधिकारी से पूछा गया कि क्या पीएम के आदेश को भी वे नहीं मानते। इस पर वे साफ-साफ कुछ बोलने से बचते रहे।

पूर्वी सिंहभूम जिले में पिछले दो दिनों से पुलिस ने कोरोना से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का अनुपालन नहीं करनेवालों के प्रति सख्ती बरतने का अभियान छेड़ा है। एेसे में जो लोग मास्क पहने बिना घर से बाहर निकल रहे हैं या शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें जेल भेजा जा रहा है। साथ में जुर्माना भी वसूला जा रहा है।विशेष तौर पर ऐसे लोगों के लिए कैंप जेल भी बनाया गया है।  खास बात यह है कि गमछा या रुमाल बांधकर निकलने वालों को भी पुलिस पकड़ रही है। 

शुक्रवार को प्रशासन द्वारा अभियान चलाकर 147 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसमें कई वैसे लोग भी शामिल थे, जो मास्क के बदले गमछा व रुमाल लगाए हुए थे। जब ऐसे लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री मुंह पर गमछा बांधने की सलाह देते हैं, तो आपको क्‍या आपत्ति है। इस पर पुलिस के जवान ने यह कहते हुए कैंप जेल भेज दिया कि तू प्रधानमंत्री है क्या...चल अंदर। गाड़ी पर बैठाकर कैंप जेल ले गई।

वह बेचारा गुहार लगाता रहा, लेकिन उसकी एक नहीं सुनी। कई लोगों ने दैनिक जागरण को भी फोन कर इसकी जानकारी दी। शुक्रवार की रात गोलमुरी बाजार के पास चेकिंग चल रही थी। वहां से भी एक युवक ने फोन कर बताया कि मैंने चेहरे पर गमछा लगाया है। इसके बावजूद पुलिस मुझे बस पर बैठाकर साकची की ओर ले जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या गमछा या रुमाल लगाकर लोग बाहर नहीं निकल सकते। अगर निकल सकते हैं तो फिर उन्हें गिरफ्तार क्यों किया जा रहा। क्या पुलिस को नियम-काूनन की जानकारी नहीं है या फिर लोग जागरूक नहीं है। तमाम सवाल खड़े होने लगे हैं।

प्रधानमंत्री खुद अपने संबोधन में कई बार उल्लेख कर चुके हैं कि मास्क की जगह मुह पर गमछा लपेट कर भी बचाव कर सकते हैं। साथ ही केंद्र और राज्य की ओर से जारी निर्देशों में भी इस विकल्प का जिक्र है, लेकिन पुलिस है कि इस बात का मानने को तैयार नहीं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या झारखंड की पुलिस प्रधानमंत्री का भी कहना नहीं मानती। फिलहाल पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी जांच करने की बात कही है। 

30 फीसद लोग मास्क की जगह गमछा या रूमाल का करते हैं उपयोग

शहर में लगभग 70 फीसद लोग मास्क का उपयोग करते, बाकी 30 फीसद चेहरे को गमछा या रुमाल से ढंकते हैं। प्रधानमंत्री की अपील के बादमोदी गमछा का क्रेज भी है। ऐसे में  जिला प्रशासन के सख्त रवैये से ऐसे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। बागबेड़ा निवासी रमेश सिंह कहते हैं कि रोज मास्क खरीदकर पहनना संभव नहीं है। ऐसे में गमछा या रुमाल बेहतर विकल्प है, जो प्रधानमंत्री भी पहनते हैं। लेकिन, हमारी पुलिस उसे पहनने से मना कर रही है। 

कैंप जेल में एक हजार की क्षमता

जिला प्रशासन द्वारा शहर के दो बड़े स्कूलों को कैंप जेल बनाया गया है। इसमें बिष्टुपुर स्थित मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल व केरला पब्लिक स्कूल-इंकैब शामिल है। इसमें लगभग एक हजार लोगों को रखा जा सकता है। यहां वैसे लोगों को रखा जाएगा जो बिना मास्क या शारीरिक दूरी का उल्लंघन करते पकड़े जाएंगे। अभी तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर कैंप जेल में भेजा जा चुका है।

chat bot
आपका साथी