उपयोग हो चुके मास्क, ग्लव्स को 72 घटे पेपर बैग में रखने की सलाह
सतह पर कोरोना का वायरस अधिकतम 72 घटे तक ही जीवित रह सकता है।
राज्य ब्यूरो, राची : उपयोग किए गए मास्क या ग्लव्स को कचरे में डालने से पहले उसे कम से कम 72 घटे पेपर बैग में छोड़ देना चाहिए। इसके बाद ही उसे कचरे में फेंकना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि यह माना जाता है कि किसी सतह पर कोरोना का वायरस अधिकतम 72 घटे तक ही जीवित रह सकता है। साथ ही कचरे में डालने से पहले उसे काट देना चाहिए ताकि कोई उसका उपयोग नहीं कर सके। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर जारी संशोधित गाइडलाइन में इसकी सलाह दी गई है। केंद्र के निर्देश पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इसे लागू करने को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है।
केंद्र ने यह एडवाइजरी क्वारंटाइन सेंटरों तथा होम क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए भी जारी की है। होम क्वारंटाइन में रह रहे संभावित मरीजों तथा संक्रमण मुक्त हो चुके मरीजों द्वारा उत्पन्न बायो मेडिकल वेस्ट जैसे मास्क, ग्लव्स, सीरिंज या बेकार दवा आदि को पीले रंगे के बैग में अलग रखने का निर्देश दिया गया है। ऐसे बैग की व्यवस्था नगर निकाय द्वारा की जाएगी। निकायों द्वारा अधिकृत कचरा संग्रहकर्ता के पास भी इसके लिए अलग से पीले रंग का बैग या कंटेनर रहेगा और उनके द्वारा इसे सीबीडब्ल्यूटीएफ (कॉमन बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट एंड डिस्पोजल फैसिलिटी) आपरेटर को सौंपा जाएगा।
एडवाइजरी के अनुसार क्वारंटाइन सेंटर में सामान्य कचरों का उठाव नगर निकायों द्वारा अधिकृत संग्रहकर्ता द्वारा किया जाएगा, लेकिन बायो मेडिकल वेस्ट वहा अलग से पीले रंग के बैग में रखा जाएगा। क्वारंटाइन सेंटर के जिम्मेदार पदाधिकारी सीबीडब्ल्यूटीएफ ऑपरेटर को उसके संग्रह करने के लिए बुलाएंगे।