राजधानी में ऐसे हो रहा कोरोना का मैनेजमेंट: संक्रमित शिक्षक को ड्यूटी पर लगाया, फिर वेतन रोका

कोरोना से जंग जीतने के मैनेजमेंट में बड़ा गड़बड़झाला है। एक शिक्षक को एक ही साथ दो जगह कोविड वार्ड और कंट्रोल रुम में ड्यूटी लगा दी गई। एक शिक्षक कोराेना में ड्यूटी करते हुए पॉजिटव हो जाते हैं। इसके बाद वे इसकी सूचना कोविड सेंटर को पदाधिकारी देते हैं।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 11:07 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 11:07 AM (IST)
राजधानी में ऐसे हो रहा कोरोना का मैनेजमेंट: संक्रमित शिक्षक को ड्यूटी पर लगाया, फिर वेतन रोका
राजधानी में ऐसे हो रहा कोरोना का मैनेजमेंट: संक्रमित शिक्षक को ड्यूटी पर लगाया, फिर वेतन रोका। जागरण

रांची [प्रणय कुमार सिंह] । कोरोना से जंग जीतने के मैनेजमेंट में बड़ा गड़बड़झाला है। एक शिक्षक को एक ही साथ दो जगह कोविड वार्ड और कंट्रोल रुम में ड्यूटी लगा दी गई। एक शिक्षक कोराेना में ड्यूटी करते हुए पॉजिटव हो जाते हैं। इसके बाद वे इसकी सूचना कोविड सेंटर को पदाधिकारी देते हैं। फिर भी दूसरे दिन जो ड्यूटी के लिए लिस्ट तैयार होती है। उसमें उक्त शिक्षक का भी नाम डाल दिया गया।

एक शिक्षक की ड्यूटी 8 मई से लगाई जाती है और एक दिन बाद 9 मई को उन्हें फोन से इसकी सूचना दी जाती है। इतना ही नहीं 8 को ज्वाइन नहीं करने का कारण पूछा जाता है। शिक्षक कहते हैं कि जब अभी सूचना ही मिली तो पहले कैसे ज्वाइन कर लेते। इतना सब के बाद ये सभी शिक्षक कोरोना में ड्यूटी (मरीजों की सेवा) करते हैं। लेकिन जब वेतन भुगतान संबंधी प्रक्रिया ट्रेजरी में पहुंचती है तो एक नहीं दो माह का वेतन यह कहकर रोक दिया गया कि उपायुक्त कार्यालय से शिक्षकों को शोकॉज जारी करते हुए वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई है।

जारी होता रहा आदेश, नहीं हटा नाम

यूनाइटेड हाई स्कूल हिनू के शिक्षक दीपक पांडेय की ड्यूटी कंट्रोल रुम में लगाई गई। वे 10 अप्रैल से यहां ड्यूटी कर रहे थे। यहां 15-15 दिनों की ड्यूटी बदल-बदल कर होती है। इसके बाद 18 अप्रैल को उपायुक्त कार्यालय से आदेश (सूची) जारी होता है जिसमें कई कर्मियों की ड्यूटी सदर अस्पताल में बनाए गए कोविड वार्ड में लगाई गई। इस सूची में दीपक पांडेय का भी नाम रहता है। यहां सात-सात दिनों की ड्यूटी बदलकर होती है। तय तिथि पर ज्वाइन नहीं करने पर दीपक पांडेय को फोन आया कि कोविड वार्ड में ज्वाइन करें। उन्होंने कहा कि मैं पहले से कंट्रोल रूम में सेवा दे रहा हूं। बात खत्म हो गई। 29 अप्रैल को कंट्रोल रुम व 30 अप्रैल को कोविड वार्ड के लिए फिर से सूची आती है। दोनों में दीपक पांडेय का नाम है। दीपक पहले की तरह कंट्रोल रूम में ज्वाइन कर लिए। इधर कोविड वार्ड (यहां सात दिनों ड्यूटी होती है) के लिए 8 मई को सूची आती है। इसमें फिर दीपक पांडेय का नाम होता है। 9 अप्रैल को दीपक पांडेय को कोविड वार्ड से फाेन कर ज्वाइन करने कहा गया। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम से नाम हटे तभी न कोविड वार्ड में ड्यूटी कर सकें। एक साथ दो जगह ड्यूटी कैसे हो सकती है।

वाट्सएप पर भेजी पॉजिटिव रिपोर्ट फिर भी लगी ड्यूटी

मारवाड़ी प्लस टू उवि शिक्षक आशीष कुमार सदर अस्पताल में कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे थे। इसी बीच वे पॉजिटिव हो गए। उन्होंने वहां के कार्मिक टीम के वरीय प्रभारी राजेश कुमार को पॉजिटिव की रिपोर्ट वाट्सएप पर भेजकर सूचना दे दी। इसके बाद 8 मई को जो सूची जारी हुई उसमें आशीष कुमार का नाम भी ड्यूटी के लिए था। हाई स्कूल पिस्का के शिक्षक जोसेफ बाड़ा को 9 मई को कोविड वार्ड से फोन आया कि उनकी ड्यूटी लगाई गई है। उस समय वे गुमला जा रहे थे। वहां उनके चाचा का निधन हो गया था। इसके बाद वे 10 को रांची लौँटे और 11 मई को ज्वाइन कर लिए। मारवाड़ी स्कूल के शिक्षक परितोष चौधरी भी ड्यूटी के दौरान पाजिटिव हो गए। उन्होंने इसकी सूचना संबंधित अधिकारी को दे दी। जिला स्कूल के शिक्षक रामकृष्ण अस्वस्थ हैं। उन्हाेंने वरीय प्रभारी को इसकी सूचना दे दी।

जारी किया शोकॉज

उपायुक्त कार्यालय से इन शिक्षकों को शोकॉज जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है। 29 अप्रैल को पत्र में परितोष चौधरी को और 10 मई को जारी पत्र में अन्य चार शिक्षकों को शोकॉज जारी करते हुए अगले आदेश तक वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई। इधर शिक्षकों ने शोकॉज का स्पष्टीकरण दे दिया है।

दो माह का रूका वेतन

पांच शिक्षकों के वेतन पर रोक लगने से 245 शिक्षकों का दो माह का वेतन रूक गया है। दरअसल 14 स्कूलों का डीडीओ मारवाड़ी स्कूल की प्राचार्या हैं। इन स्कूलों में हाई स्कूल के 155 और प्लस टू के 81 शिक्षक हैं। इन सभी का बिल एक ही साथ बनता है। हाई स्कूल पिस्का में 9 शिक्षक हैं। इनका डीडीओ इसी स्कूल के प्राचार्य हैं। स्कूल ने 9 मई को डीइओ कार्यालय को और यहां से 11 मई को ट्रेजरी में वेतन भुगतान का बिल चला गया। इधर ट्रेजरी में उपायुक्त कार्यालय से भी वेतन पर रोक लगाने का आदेश वाला पत्र आ गया था। ऐसे में वेतन रूक गया।

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