टाइफाइड वाले रहें सतर्क, सूखी खांसी, सांस लेने में परेशानी है, तो डॉक्‍टर से करें संपर्क ...

ठंड लगकर बुखार तेज बुखार खांसी गले में दर्द जैसे तमाम लक्षण के बावजूद रैपिड या आरटीपीसीआर जांच में कोरोना रिपोर्ट निगेटिव मिल रही है। मरीजों में बुखार 102 से 103 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच रहा है। गला सूखने खरास खांसी दम फूलने जैसी शिकायतें देखने को मिल रही हैं।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 29 Apr 2021 12:03 AM (IST) Updated:Thu, 29 Apr 2021 09:00 AM (IST)
टाइफाइड वाले रहें सतर्क, सूखी खांसी, सांस लेने में परेशानी है, तो डॉक्‍टर से करें संपर्क ...
बुखार,खांसी, व गले में दर्द जैसे तमाम लक्षण के बावजूद आरटीपीसीआर जांच में कोरोना रिपोर्ट निगेटिव मिल रही है।

रांची, जासं। अगर आपको ठंड लगने के साथ बुखार हो रहा है तो सतर्क रहें। अधिकांश ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें टाइफाइड के लक्षण वाले मरीज कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। कई बार रैपिड या आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट में कोरोना निगेटिव आ रहा है। टायफाइड की आड़ में कोरोना वायरस तमाम कोरोना जांच को धोखा दे रहा है। दैनिक जागरण के डाक्टर आनलाइन कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए डा. रविकांत चतुर्वेदी ने कहा कि जिन लोगों को टायफाइड के लक्षण हैं, वह कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद जांच में निगेटिव मिल रहे हैं। ऐसे लोग विशेष रूप से सतर्क रहें। इन मामलों में वायरस फेफड़े में छिपकर तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है। डा. चतुर्वेदी ने कहा कि किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। जरूरी जांच कराएं। बिना चिकित्सकों की सलाह के दवाएं नहीं लें।

बड़ी संख्या में आ रहे ऐसे मरीज

डा. चतुर्वेदी ने कहा कि क्लिनिक से लेकर अस्पताल तक में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज आ हैं, जिनमें ठंड लगकर बुखार, तेज बुखार, खांसी, बुखार व गले में दर्द जैसे तमाम लक्षण होने के बावजूद रैपिड या आरटीपीसीआर जांच में कोरोना रिपोर्ट निगेटिव मिल रही है। मरीजों में बुखार 102 से 103 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच रहा है। गला सूखने, खरास, खांसी, दम फूलने जैसी शिकायतें देखने को मिल रही हैं। जरा सा चलते पर उनकी सांसें फूलने लगती हैं। ऐसे मरीजों को कोरोना ठीक होने में लंबा वक्त लग रहा है। कोरोना संक्रमित जहां दस दिन में वायरस से ठीक हो रहे हैं। टायफाइड संग कोरोना संक्रमित को ठीक होने में 14 से 20 दिन का समय लग रहा है। डा. चतुर्वेदी ने कहा कि आक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए लोगों को पेट के बल सोने की जरूरत है। यह घरेलु उपाय काफी कारगर है।

तनाव से बढ़ेगी आपकी परेशानी, नाराजगी से बीमारी का इलाज नहीं

 राजधानी रांची में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। इलाज के लिए लोग अपने परिजनों को लेकर अस्पतालों में दौड़ रहे हैं। सीमित संसाधनों के कारण कई बार बेहतर इलाज मिलने में देरी हो रही है। कई बार इलाज के बावजूद मरीजों की हालत में अपेक्षित सुधार नहीं होता देखकर परिजनों में नाराजगी पैदा हो रही है।

शहर के मनोविशेषज्ञ डा. नीलमणि चौधरी ने कहा है कि महामारी की तेज रफ्तार के बीच तनाव से आपकी परेशानी बढ़ेगी। स्वास्थ्य कर्मियों व चिकित्सकों के खिलाफ नाराजगी से इलाज में कोई असर नहीं पड़ने वाला। मुश्किल वक्त में धैर्य बनाए रखें। मानसिक संतुलन कायम रखकर ही आप उचित अथवा अनुचित निर्णय कर सकते हैं। दरअसल, मंगलवार को राजधानी के अलग-अलग अस्पतालों में जमकर हंगामा हुआ। कई जगहों पर परिजनों व चिकित्सकों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई।

मनोविशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को ऐसी परिस्थिति पैदा करने से बचना चाहिए। चिकित्सकों, नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों पर भरोसा रखना चाहिए। मरीजों के इलाज में अपना घर-परिवार छोड़कर यह लोग सेवा कर रहे हैं। इसका सम्मान किया जाना चाहिए। किसी एक या दो व्यक्ति के आचार के लिए पूरे वर्ग के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करना ठीक नहीं। दूसरी तरफ चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को भी मरीजों और उनके परिजनों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। परेशानी के बीच किसी आचरण के लिए उग्र होने से समस्या और जटिल हो सकती है। सबको मिलकर स्थितियों से मुकाबला करना चाहिए।

दैनिक जागरण की ओर से चलाए जा रहे डाक्टर आन लाइन कार्यक्रम के दौरान हमारे विशेषज्ञ चिकित्सक से आप भी राय ले सकते हैं। इसके लिए आपको दिए गए मोबाइल नंबर पर दोपहर ग्यारह बजे से बारह बजे के बीच अपने नाम और पते के साथ हिन्दी अथवा अंग्रेजी में सवाल वाट्सएप करने होंगे। इसके जवाब दूसरे दिन प्रकाशित किए जाएंगे। वाट्सएप नंबर पर काॅल न करें।वाट्सएप नंबर : 7004458462इलाज के लिए चिकित्सक से संपर्क करें : 8235815721

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