Congress Dharna: ओबीसी आरक्षण पर कांग्रेस का धरना आज... इधर 9 घंटे बंद रहा सचिवालय का मेन गेट
Congress Dharna ओबीसी आरक्षण के नाम पर झारखंड में राजनीति उफान पर है। कांग्रेस पार्टी इस मसले को दोनों हाथों से भुनाने में लगी है। मंगलवार को राजभवन के समक्ष प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की अगुआई में धरना का आयोजन किया गया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Congress Dharna, Jharkhand News झारखंड प्रदेश कांग्रेस ओबीसी विभाग के तत्वावधान में राजधानी में राजभवन के समक्ष सहित सभी जिला मुख्यालय में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार को धरना का आयोजन किया गया है। ओबीसी विभाग के प्रस्तावित धरना कार्यक्रम में झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेतागण उपस्थित रहेंगे। प्रदेश कांग्रेस ओबीसी विभाग के चेयरमैन अभिलाष साहू ने बताया कि धरना को लेकर सभी जिला इकाई ने अपने जिलों में बैठक आयोजित कर तैयारी पूरी कर ली है।
नौ घंटे बंद रहा सचिवालय का मेन गेट, अनुबंध कर्मियों ने किया जाम
स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर अनुबंधित पारा चिकित्सक कर्मी संघ ने सोमवार को नेपाल हाउस सचिवालय का घेराव किया। कर्मियों ने मुख्य गेट बंद कर दिया और नौ घंटे तक डटे रहे। इस दौरान उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। मेन गेट जाम रहने की वजह से अधिकारियों को पिछले गेट से सचिवालय में प्रवेश करना पड़ा। शाम सात बजे अधिकारियों के आश्वासन के बाद अनुबंध कर्मियों ने घेराव समाप्त किया है। कर्मियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग पर विचार नहीं हुआ तो वे मंगलवार को फिर घेराव करेंगे। घेराव को लेकर संघ ने पूर्व में स्वास्थ्य सचिव को ज्ञापन सौंपा था।
अनुबंधित कर्मियों ने की स्थायी नियुक्ति की मांग
संघ के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि अनुबंध कर्मी जान जोखिम में डालकर राज्य की सेवा कर रहे हैं। कोरोना संकट काल में भी उन्होंने दायित्व का निर्वाह किया। उन्हें अलग-अलग मानदेय पर काम करना पड़ रहा है, जिसका मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ता है। संघ ने मांग उठाई है कि उनकी नियुक्ति स्थायी की जाए। इसके अलावा समान कार्य के लिए समान वेतन लागू किया जाए।
अनुबंधित कर्मियों के लिए एक समान मानदेय का निर्धारण हो। कार्यरत पारा चिकित्सा कर्मियों को झारखंड पारा मेडिकल कौंसिल से निबंधन और नवीनीकरण किया जाए। संघ ने चेतावनी दी है कि मांग पूरा नहीं होने की स्थिति में आंदोलन को और आगे बढ़ाएंगे। पारा कर्मियों के आंदोलन के कारण नेपाल हाउस सचिवालय में कर्मियों-अधिकारियों को प्रवेश करने में दिक्कतें आईं।