झारखंड में लग सकता है संपूर्ण लॉकडाउन, राज्‍य की सत्‍ताधारी पार्टी झामुमो ने दिए संकेत

Jharkhand Lockdown News Hindi Samachar झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कई राज्यों में संपूर्ण लाॅकडाउन है। हम भी इसके लिए तैयार रहें। केंद्र के असहयोग से परेशानी बढ़ी है। कहा कि अगर तीसरी लहर का असर गांवों तक पहुंच जाता है तो स्थिति विस्फोटक हो जाएगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 06:49 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 08:03 PM (IST)
झारखंड में लग सकता है संपूर्ण लॉकडाउन, राज्‍य की सत्‍ताधारी पार्टी झामुमो ने दिए संकेत
Jharkhand Lockdown News, Hindi Samachar केंद्र के असहयोग से परेशानी बढ़ी है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Lockdown News, Hindi Samachar कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन की तरफ झारखंड सरकार कदम बढ़ा सकती है। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने रविवार को ऐसे संकेत दिए। पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कई राज्यों ने कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन लागू किया है। ऐसे में जरूरी है कि हम भी इसके लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रख्यात मेडिकल रिसर्च जर्नल द लेंसेट ने सवाल उठाए हैं। पत्रिका ने संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की कार्यशैली को लेकर कड़ी टिप्पणी की है।

अनुमान लगाया गया है कि भारत में इस वर्ष एक अगस्त तक इस महामारी से 10 लाख लोगों की मौत हो जाएगी। अगर ऐसा हुआ तो केंद्र सरकार इस राष्ट्रीय तबाही के लिए जिम्मेदार होगी। चेतावनी के बावजूद धार्मिक आयोजनों की अनुमति दी गई और कई राज्यों में चुनावी रैलियां हुई। झामुमो महासचिव ने कहा कि अगर तीसरी लहर का असर गांवों तक पहुंच जाता है तो स्थिति विस्फोटक हो जाएगी। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच आपसी तालमेल आवश्यक है।

कोरोना से मौत को लेकर केंद्र से हर दिन जो आंकड़े जारी होते हैं, उससे काफी अधिक मौतें हो रही हैं। झारखंड के लिए कोरोना संकट एक बड़ी समस्या है। संसाधन भी कम हैं और केंद्र सरकार का सहयोग नहीं के बराबर है। देशभर के लगभग 500 अस्पतालों में केंद्र सरकार ने प्रेशर स्विंग ऐड्सॉप्रर्शन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट लगाने की स्वीकृति दी, लेकिन इसमें झारखंड में एक भी नहीं है।

अगर असहयोग का वातावरण ऐसे ही बना रहता है तो परेशानी और बढ़ेगी। राज्य सरकार सीमित संसाधनों के बल पर स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर काम कर रही है। अस्पतालों में रोजाना बेड बढ़ाए जा रहे हैं। संक्रमित मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।

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