Jharkhand: जल संसाधन विभाग में हुई प्रोन्नति पर मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने लगाई रोक

Jharkhand News JOB Promotion प्रोन्नति में आरक्षण मामले में झारखंड सरकार विधानसभा कमेटी की रिपोर्ट पर अमल करेगी। सत्तापक्ष के छह विधायकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। विशेष कमेटी की अनुशंसा पर जल्द निर्णय लेने की मांग उठाई।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 08:50 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 08:55 AM (IST)
Jharkhand: जल संसाधन विभाग में हुई प्रोन्नति पर मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने लगाई रोक
Jharkhand News, JOB Promotion प्रोन्नति में आरक्षण मामले में झारखंड सरकार विधानसभा कमेटी की रिपोर्ट पर अमल करेगी।

रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रोन्नति में आरक्षण के मसले पर विधानसभा की विशेष समिति की रिपोर्ट पर अमल का भरोसा दिलाया है। गौरतलब है कि एससी-एसटी के कर्मियों के प्रमोशन में आरक्षण संबंधी अनियमितता को लेकर विधानसभा की विशेष कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। इसके बाद सभी प्रकार के प्रमोशन पर रोक लगा दी गई। सोमवार को सत्ता पक्ष के छह विधायकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर विधानसभा की विशेष समिति की अनुशंसा पर जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया।

इस दौरान 23 विधायकों का हस्ताक्षरित ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा गया। विधायकों ने बताया कि 24 दिसंबर को प्रोन्नति पर रोक लगाई गई थी, लेकिन कुछ विभागों में चालू प्रभार के नाम पर प्रोन्नति दी गई है। इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जल संसाधन विभाग में हुई प्रोन्नति पर रोक लगाने का आदेश दिया। विधायक बंधु तिर्की ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 15 दिनों में प्रोन्नति को लेकर अनुशंसा पर सरकार की ओर से निर्णय का आश्वासन दिया है।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान विधायक बंधु तिर्की, दीपक बिरुआ, सुखराम उरांव, रामचंद्र सिंह, बैद्यनाथ राम, निरल पूर्ति उपस्थित थे। विशेष जांच समिति के संयोजक दीपक बिरुआ ने कहा कि राज्यकर्मियों की प्रोन्नति स्थगित है। इसका प्रभाव सभी वर्गों के कर्मियों पर पड़ रहा है। राज्य सरकार के हजारों कर्मी प्रोन्नति के साथ-साथ आर्थिक लाभ से वंचित हो रहे हैं। कुछ विभागों में ऊपर के पदों पर चालू प्रभार का नाम देकर पदस्थापित करने की गलत प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

मुख्यमंत्री को विधायकों ने अवगत कराया कि विशेष जांच समिति ने विधानसभा अध्यक्ष को 10 फरवरी को रिपोर्ट सौंपी थी। विधानसभा सचिवालय ने सरकार को इससे अवगत कराया है। अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। समिति ने 365 पन्ने की अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा की है। समिति का निष्कर्ष है कि राज्य में 2007 के बाद से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पदाधिकारियों और कर्मियों को प्रोन्नति नहीं देकर अन्याय किया गया।

विधानसभा की विशेष समिति की अनुशंसा

-झारखंड गठन से अब तक एसटी-एससी के वरीय कर्मियों को प्रोन्नति से वंचित कर सामान्य वर्ग के जूनियर कर्मियों को दी गई प्रोन्नति रद्द की जाए। जिन्हें प्रोन्नति से वंचित किया गया है, उन्हें पूर्व से आर्थिक लाभ के साथ प्रोन्नति दी जाए।

-प्रोन्नति के लिए स्पष्टीकरण निर्गत हो और इसके बाद प्रोन्नति पर जारी रोक हटाई जाए।

-नियम विरुद्ध प्रोन्नति की कार्रवाई में शामिल प्रोन्नति समिति के तत्कालीन पदाधिकारियों को चिन्हित कर एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई और विभागीय कार्रवाई हो।

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