लगा झटका : आइआरएसडीसी को बंद करने से रांची और हटिया स्टेशन के विकास का काम अधर में लटका
आइआरएसडीसी को बंद करने से रांची और हटिया स्टेशन के विकास का काम अधर में लटक सकता है। क्योंकि स्पेशलाइजेशन के तौर पर आइआरएसडीसी ही इस पूरे जिम्मेदारी को संभाल रहा था।आइआरएसडीसी का गठन मार्च 2012 में किया गया था।
रांची (जासं) : रेलवे बोर्ड ने देशभर के स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए गठित भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (आइआरएसडीसी) को बंद करने का आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया कि आइआरएसडीसी जिन स्टेशनों का प्रबंधन करता है, उन्हें संबंधित क्षेत्रीय रेलवे को सौंपा जाएगा और निगम आगे के विकास के लिए परियोजनाओं संबंधी सभी दस्तावेज भी उन्हें सौंपेगा। आइआरएसडीसी का गठन मार्च 2012 में किया गया था। जिसे करीब एक दशक पहले देशभर के रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के मकसद से गठित किया गया था। इस नए आदेश से स्टेशनों को विकसित करने का काम अधर में लटक सकता है। क्योंकि स्पेशलाइजेशन के तौर पर आइआरएसडीसी ही इस पूरे जिम्मेदारी को संभाल रहा था। लेकिन अचानक इस फैसले से रांची स्टेशन और हटिया स्टेशन को विकसित करने का कार्य अधर में लटक सकता है। क्योंकि वर्ल्ड क्लास स्टेशन के रूप में डेवलप करने को लेकर दोनों स्टेशनों को शामिल किया गया था जहां कई सुविधाएं यात्रियों की दृष्टि से उपलब्ध कराई जाती।
हालांकि स्टेशन को विकसित करने के दौरान स्टेशन की पूरी सूरत ही बदलने की तैयारी चल रही है। प्लेटफार्म की संख्या भी बढ़कर दोगुनी हो जाएगी। आने वाले दिनों में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसका निर्माण किया जा रहा है। अभी करीब रांची स्टेशन पर 30000 लोग रोजाना स्टेशन पर आवागमन करते हैं। लेकिन भविष्य में एक लाख के करीब यात्रियों का भार संभाल सकेगा रांची का रेलवे स्टेशन।
स्टेशनों के विकास के दौरान बढ़ जातीं कई सुविधाएं
करीब 20 एकड़ पर रांची रेलवे स्टेशन को नया स्वरूप देने की तैयारी चल रही है जिसकी लागत 200 करोड़ रुपये होगी जिसका डीपीआर तैयार किया जा चुका है।