तेज हुआ तजना बीयर का सफाई कार्य, लगे दो पोकलेन, जेसीबी व डंपर

तजना बीयर में जमा गाद की मोटी परत को साफ करने के लिए बुधवार से युद्धस्तर पर काम शुरू हुआ। बुधवार को दो पोकलेन जेसीबी डंपर ट्रैक्टर आदि मशीनों के साथ ही लगभग दो दर्जन मजदूर सफाई काम पर लग कर बीयर में जमे गाद को साफ करने की कवायद में जुट गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 09:50 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 09:50 PM (IST)
तेज हुआ तजना बीयर का सफाई कार्य, लगे दो पोकलेन, जेसीबी व डंपर
तेज हुआ तजना बीयर का सफाई कार्य, लगे दो पोकलेन, जेसीबी व डंपर

खूंटी : तजना बीयर में जमा गाद की मोटी परत को साफ करने के लिए बुधवार से युद्धस्तर पर काम शुरू हुआ। बुधवार को दो पोकलेन, जेसीबी, डंपर, ट्रैक्टर आदि मशीनों के साथ ही लगभग दो दर्जन मजदूर सफाई काम पर लग कर बीयर में जमे गाद को साफ करने की कवायद में जुट गए हैं। युद्धस्तर पर बीयर से गाद की मोटी परत को हटाने का काम शुरू होने पर अब यह भरोसा जग गया है कि बारिश के मौसम से पूर्व बीयर की कायदे से सफाई हो सकेगी। इससे आने वाले वर्ष शहर वासियों को इस वर्ष की तरह गंभीर जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस बीच बुधवार को नगर पंचायत अध्यक्ष अर्जुन पाहन और वार्ड पार्षद अनूप साहू भी सफाई कार्य का मुआयना करने तजना बीयर पहुंचे। सफाई कार्य में जुटे लोगों से नगर पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि बीयर से गाद निकालकर उसे बीयर के बाहर फेंका जाए बीयर में ही गाद डंप करने पर बारिश होने की स्थिति में गाद फिर से बीयर में चला जाएगा। विदित हो कि बीयर सूखने के बाद लगभग एक पखवाड़े से बीयर सफाई के नाम पर की जा रही खानापूर्ति से संबंधित समाचार मंगलवार को दैनिक जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने इस ज्वलंत मामले को संज्ञान में लेते हुए उपायुक्त शशि रंजन से बात की थी। विधायक ने उपायुक्त से कहा कि पानी जैसे जीवन के प्रमुख आधार के काम में कोई लापरवाही न बरती जाए, शीघ्र ही युद्धस्तर पर बीयर की सफाई कराई जाए। विधायक द्वारा मोर्चा संभाले जाने के बाद नगर पंचायत के अधिकारी सचेत हुए और सफाई कार्य में बड़े संवेदक को जोड़कर बुधवार से युद्ध स्तर पर बीयर की सफाई कार्य का शुभारंभ किया।

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दो दशक पूर्व बने बीयर की नहीं हुई है कायदे से सफाई

शहर में गर्मी के दिनों में भी पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति हो सके इसके लिए लगभग दो दशक पूर्व तजना नदी में इंटक वेल के समीप तीन मीटर ऊंची बीयर बनाया गया था। तब यह दावा किया गया था कि बीयर बनने से अब भीषण गर्मी के मौसम में भी जलापूर्ति सुचारू रह सकेगी। लेकिन, बीयर बनने के बाद कभी भी बीयर की कायदे से सफाई नहीं की गई। लगभग चार वर्ष पूर्व भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुई थी। उस समय भी बीयर का सफाई कार्य शुरू किया गया था लेकिन, आधा अधूरा सफाई कार्य होने के बाद बारिश का मौसम आ गया। इससे पूरी तरह से बीयर से गाद नहीं हटाया जा सका। इस बार जब फिर से बीयर सूख गया और शहर में गंभीर जल संकट उत्पन्न हो गया तो फिर से बीयर की सफाई शुरू की गई। लेकिन सफाई के नाम पर बरती जा रही खानापूर्ति से 15 महत्वपूर्ण दिन निकल गए और बीयर के 10 प्रतिशत हिस्से की भी सफाई नहीं हो सकी। पिछले 15 दिनों से कछुआ गति से चल रहे सफाई कार्य के दौरान किसी भी जनप्रतिनिधि ने बीयर का मुआयना नहीं किया था।

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एक और बीयर बनाने से हो सकता है समस्या का समाधान

तजना नदी के बीयर से वर्तमान में शहर के लगभग 30 फीसदी हिस्से में ही जलापूर्ति की जा रही है। शहर के बाकी हिस्सों में जलापूर्ति के लिए व‌र्ल्ड बैंक संपोषित 57 करोड़ की एक वृहद योजना का काम चल रहा है। इस योजना के तहत शहर के विभिन्न हिस्सों में और तीन जलमीनार का निर्माण किया जा रहा है साथ ही नया फिल्ट्रेशन प्लांट और कई किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का काम भी चल रहा है। यहां प्रश्न यह है कि वर्तमान में एक जलमीनार से शहर के 30 फीसदी हिस्सों में होने वाली जलापूर्ति के लिए भी तजना बीयर से पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा, तो फिर बनने वाली तीन जलमीनार में जलापूर्ति के लिए पानी कहां से लाया जाएगा यह बड़ा सवाल है। ऐसे में निर्माणाधीन फिल्ट्रेशन प्लांट के पीछे तजना नदी में एक और बीयर का निर्माण हो जाने से संभवत: जलापूर्ति के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा, क्योंकि तजना नदी अभी भी जिदा नदी है। इसमें गर्मी में भी पानी नहीं सूखता। इस संबंध में नगर पंचायत अध्यक्ष अर्जुन ने कहा कि नदी के निचले हिस्से पर और एक बीयर बनाकर ही जलापूर्ति की समस्या का समाधान किया जा सकता है। इस मुद्दे उन्होंने अनुश्रवण समिति की बैठक में भी कई बार उठाया है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को किसी ने अबतक गंभीरता से नहीं लिया है।

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