झारखंड में बिना परीक्षा दिए प्रोन्नत होंगे नौवीं एवं 11वीं कक्षा के विद्यार्थी, आदेश जारी
Jharkhand Government School News Hindi Samachar बता दें कि कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष वार्षिक परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी। इस कारण यह निर्णय लिया गया है। पहले वार्षिक परीक्षा झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा आयोजित की जाती थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले नौवीं व ग्यारहवीं कक्षाओं के बच्चे बिना परीक्षा दिए वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2021-22 में अगली कक्षाओं में प्रोन्नत कर दिए गए हैं। नौवीं कक्षा के लगभग 4.30 लाख तथा ग्यारहवीं के 3.20 लाख बच्चे क्रमश: दसवीं तथा बारहवीं कक्षा में प्रोन्नत किए गए हैं। राज्य सरकार ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। इससे पहले कक्षा एक से आठ के सभी बच्चे बिना वार्षिक मूल्यांकन (समेटिव असेसमेंट) के अगली कक्षाओं में प्रोन्नत किए गए थे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक हर्ष मंगला ने गुरुवार को सभी उपायुक्तों तथा जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजकर इस आदेश के अनुपालन कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी सरकारी स्कूलों के नौवीं व ग्यारहवीं के विद्यार्थियों को वर्तमान शैक्षणिक सत्र में प्रोन्नति देते हुए अगली कक्षाओं में नामांकन लेने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सभी विद्यार्थियों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराने को कहा है। बता दें कि कक्षा नौवीं तथा ग्यारहवीं के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा झारखंड एकेडमिक काउंसिल के माध्यम से ली जाती है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण 2020-21 में यह परीक्षा नहीं हो सकी थी। इस कारण इन कक्षाओं में पढ़नेवाले विद्यार्थियों के अगली कक्षाओं में प्रोन्नति को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।
दसवीं और बारहवीं के लिए वेट एंड वाच की स्थिति में सरकार
राज्य सरकार दसवीं तथा बारहवीं बोर्ड परीक्षा के लिए वेट एंड वाच की स्थिति में है। साथ ही सीबीएसई बोर्ड के लिए केंद्र सरकार के निर्णय का भी इंतजार किया जा रहा है। राज्य सरकार ने पहले ही केंद्र को दिए गए अपने सुझाव में कहा है कि वर्तमान परिस्थिति में अभी परीक्षा लेना उचित नहीं होगा। राज्य सरकार ने संक्रमण कम होने के बाद परीक्षा लेने का सुझाव दिया है। इधर, दसवीं व बारहवीं बोर्ड की परीक्षा के संबंध में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि सरकार केंद्र के निर्णय का इंतजार कर रही है।
दसवीं बोर्ड की बात है तो इंटरनल असेसमेंट के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोशन अंतिम विकल्प होगा। सचिव के अनुसार, जब सारे रास्ते बंद हो जाएंगे, तभी इस आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नत करने का निर्णय लिया जाएगा। उनके अनुसार, झारखंड के सरकारी स्कूलों में इंटरनल असेसमेंट सही ढंग से नहीं हो पाया है। वहीं, 30 फीसद बच्चे ही ऑनलाइन क्लास से जुड़े थे। बता दें कि राज्य में दोनों बोर्ड की परीक्षा 4 मई से होनी थी, लेकिन कोरोना का संक्रमण बढ़ने से इसे स्थगित करना पड़ा।