सत्संग के बहाने भी लोगों को बुलाकर मतांतरण करा रहीं ईसाई मिशनरियां

झारखंड में ईसाई मिशनरियां मतांतरण के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रही है। मतांतरण की साजिश में जुटे लोग ग्रामीणों को नकद राशि देने बच्चों की मुफ्त शिक्षा बीमारी का चमत्कारिक ढंग से इलाज कराने समेत तरह-तरह के प्रलोभन देते हैं।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 09:50 AM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 09:50 AM (IST)
सत्संग के बहाने भी लोगों को बुलाकर मतांतरण करा रहीं ईसाई मिशनरियां
सत्संग के बहाने भी लोगों को बुलाकर मतांतरण करा रहीं ईसाई मिशनरियां। जागरण

रांची [संजय कुमार]। झारखंड में ईसाई मिशनरियां मतांतरण के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रही है। मतांतरण की साजिश में जुटे लोग ग्रामीणों को नकद राशि देने, बच्चों की मुफ्त शिक्षा, बीमारी का चमत्कारिक ढंग से इलाज कराने समेत तरह-तरह के प्रलोभन देते हैं। लोगों को अपने झांसे में लेने के लिए उन्हें पर्यटन स्थलों में घुमाने-फिराने का भी आफर दिया जाता है। आम तौर पर झारखंड के लोगों को पूर्वोत्तर के राज्यों का भ्रमण कराया जाता है। झारखंड के चतरा और बिहार के गया में कई ऐसे मामले सामने आए जहां लोगों को बड़ी चालाकी से सत्संग के नाम पर बुलाया गया। सत्संग हिंदू धर्म में होता है, इसलिए वहां जानेवाले भी यही समझते रहे कि वह अपने खुद के धर्म से जुड़े आयोजन में जा रहे हैैं। बाद में उन्हें पता चला कि यह लोगों को जमा करने की साजिश थी। लोगों से उनकी तकलीफों के बारे में पूछा गया। फिर बताया गया कि परमेश्वर उनके सभी दुखों का अंत कर देंगे। इसके बाद लगातार लोगों की बैठक बुलाकर उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन तथा चमत्कार का झांसा देकर छल से धर्म बदलने के लिए तैयार कर लिया गया। मतांतरण के बाद उन्हें पूर्वोत्तर के राज्यों का भ्रमण कराया गया साथ ही नकद पैसे, अनाज आदि देकर उन्हें विश्वास में लिया गया।

सत्संग के माध्यम से लोगों को बुलाने का तरीका नया है। सत्संग में जाकर प्रवचन सुनने की प्रति श्रद्धा रखने वाली महिलाएं जब वहां पहुंचती हैं तो उन्हें धर्म से जुड़ी तरह-तरह की बातों में उलझा कर विश्वास में लिया जाता है। गरीब-बीमार, दुखी, प्रताडि़त लोगों को निशाना बनाना मतांतरण कराने वालों के लिए आसान होता है। गरीबी, अशिक्षा और अंधविश्वास में जकड़े लोग आसानी से उनकी बातों में आ जाते हैं।.झारखंड के चतरा जिले मेंस्थित गोसाईडीह और बिहार के रानीचक गांव के बीच बसे 200 यादव परिवार मतांतरित हो चुके हैं। इसी तरह टंडवा स्थित धनगढ़ा प्रखंड के दारीदार गांव में 15 दिनों पहले पांच घर के 25 परिवार मतांतरित हो गए।

पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम जिले के इलाकों से भी लोगों को पूर्वोत्तर के ईसाई बहुल राज्यों में घुमाने के लिए ले जाया जाता है। वहां ईसाई मिशनरियों द्वारा किए जा रहे काम दिखा कर लोगों को प्रभावित करने की कोशिश होती है। गैर आदिवासी इलाकों में भी फैला है जाल विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश सह मंत्री विजय कुमार पांडेय ने कहा कि ईसाई मिशनरियों ने गांव-गांव में मतांतरण कराने के लिए टीम बहाल कर रखा है। इन्हें बाकायदा वेतन, भत्ता व अन्य सुविधाएं दी जाती हैैं। चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड के सखाबाड़ा गांव के भुइयांटोली, डुमरी पडरी गांव में हरिजन टोला के लोग, इटखोरी में पीतीज गांव के दांगी परिवार, पत्थलगडा में नाई परिवार के लोग इन लोगों के प्रभाव में आकर मतांतरित हो चुके हैं। ऐसे परिवारों में से फरवरी माह में प्रतापपुर, कुंदा और हंटरगंज में मतांतरित हो चुके साहू और हरिजन समाज के 20 परिवार को वापस कराया गया है।

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