छापर कोलियरी से बढ़ेगा कोकिग कोल का उत्पादन

कोल इंडिया के आदेश के बाद अब सीसीएल ने अपने क्षेत्र से कोकिग कोल का उत्पादन बढाने पर जोर दिया जा रह ा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:09 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:09 AM (IST)
छापर कोलियरी से बढ़ेगा कोकिग कोल का उत्पादन
छापर कोलियरी से बढ़ेगा कोकिग कोल का उत्पादन

जासं, रांची/बुढ़मू : कोल इंडिया के आदेश के बाद अब सीसीएल ने अपने क्षेत्र से कोकिग कोल का उत्पादन बढ़ाने के प्रयास को तेज कर दिया है। इसी के तहत प्रखंड के बंद पड़े छापर कोलियरी को फिर से शुरू करने की कवायद शुरू की गई है। शुक्रवार को सीसीएल बरका सयाल अंतर्गत हेंदेगिर परियोजना विस्तार हेतु नौकरी व मुआवजा वितरण का विवरण देने के लिए सीसीएल के अधिकारियों, जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई। इस वार्ता का आयोजन सीसीएल बरका सयाल महाप्रबंधक एवं अंचलाधिकारी बुढ़मू के नेतृत्व में छापर कोलियरी में किया गया। सीसीएल बरका सयाल के महाप्रबंधक अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि सीएलएल एक्ट एवं एलए एक्ट में अधिगृहित रैयतों की जमीन का मुआवजा या नौकरी अंचल द्वारा निर्गत वंशावली प्रमाण पत्र के आधार पर दी जाएगी। रैयतों को भूमि की सरकारी दर का चार गुणा भुगतान किया जाएगा। कंपनी के नियमानुसार दो एकड़ भूमि के लिए एक नौकरी एवं एक एकड़ भूमि पर 9,02,900 रुपये प्रति एकड़ राशि दी जाएगी। गैर मजरूआ खास भूमि में रैयत की मान्यता उपायुक्त के द्वारा सत्यापित होने पर ही मिलेगी। गैर मजरूआ भूमि का मुआवजा कंपनी एवं सरकार के बीच विचार विमर्श के बाद सरकार को या ग्रामीणों को दिया जाएगा। खतियान में यदि भूमि की प्रकृति जंगल झाड़ी दर्ज है तो वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही मुआवजा की राशि दी जाएगी। मौके पर अंचलाधिकारी शंकर कुमार विद्यार्थी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि अंचल की ओर से ग्रामीणों को हरसंभव सहयोग किया जाएगा, जिससे यह प्रोजेक्ट जल्द से जल्द शुरू हो सके। खदान खुलने की सुगबुगाहट से ग्रामीण खुश हैं। इस मौके पर विधायक समरीलाल, जिप उपाध्यक्ष पार्वती देवी, प्रमुख सुमन मुंडरी, उप प्रमुख जगजीवन महतो सहित अन्य मौजूद थे।

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