Central University Of Jharkhand: सीयूजे के अस्थायी कैम्पस में तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन, तुरंत लिया गया संज्ञान

Central University Of Jharkhand झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय(Central University Of Jharkhand) के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(All India Student Council) इकाई ने आज सुबह झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय के अस्थायी ब्राम्बे कैम्पस(Brambe Campus) के मेन गेट पर तालाबंदी करके धरना प्रदर्शन(Protest) किया।

By Sanjay KumarEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 07:33 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 07:33 PM (IST)
Central University Of Jharkhand: सीयूजे के अस्थायी कैम्पस में तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन, तुरंत लिया गया संज्ञान
Central University Of Jharkhand: सीयूजे के अस्थायी कैम्पस में तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन, तुरंत लिया गया संज्ञान

रांची जासं। Central University Of Jharkhand : झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय(Central University Of Jharkhand) के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(All India Student Council) इकाई ने आज सुबह झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय के अस्थायी ब्राम्बे कैम्पस(Brambe Campus) के मेन गेट पर तालाबंदी करके धरना प्रदर्शन(Protest) किया।

धरना प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ता तथा छात्र विश्वविद्यालय(University) प्रशासन के द्वारा छात्रों से किए जा रहे दुर्व्यवहार से क्षुब्ध थे। प्रदर्शनकारी(Protesters) पूर्ण रूप से कुलसचिव, फाइनेंस ऑफिसर, लाइब्रेरियन, मेडिकल ऑफिसर, टेक्निकल सेल तथा ट्रांसपोर्ट इंचार्ज को जिम्मेदार ठहरा रहें थे।

इसकी जानकारी मिलते ही और आंदोलन को देख विश्वविद्यालय कुलपति ने छात्रों की मांगों को तुरंत संज्ञान मे लेते हुए, रजिस्ट्रार, फाइनेंस ऑफिसर, लाइब्रेरियन के आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उसी क्षण मांगों पर सहमति बनीं।

विद्यार्थी परिषद की ओर से आदित्य, सुमित, वैष्णवी, आराधना ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपनी मांग कर रहीं थी और अपनी मांगों को लेकर तालाबंदी किया था।

क्या थी मांग:

ट्रांसपोर्ट की सुविधा बदहाल है जिसके कारण बच्चे भेड़ बकरी के तरह खड़े होकर पुराने ब्राम्बे कैम्पस से नए कैम्पस मनातू जाते हैं। जिसके कारण बच्चे मनातू कैम्पस से क्लास करके ब्रांबे कैम्पस 4 बजे आते हैं, जिसके बाद खाना नहीं मिलता है। कुलपति द्वारा फीस रिफंड की फाइल अप्रूव करने के बाद भी फाइनेंस ऑफिसर द्वारा फीस रिफंड नही किया गया। फाइनेंस ऑफिसर सिर्फ अपना फायदा देखता है। हॉस्टल मेमो पर तथा डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर के अंतर्गत आने वाले मेस की फाइल सेन्सन नहीं की जा रही है। ये बोला जा रहा है की ग्रामटिकल एरर हैं, जबकि दूसरी तरफ परचेज से लेकर जिन फाइलों से खुद का फायदा है उसे सेन्सन कर दिया जा रहा है। मेडिकल इसु होने पर मेडीकल ऑफिसर कोई सुचारू रूप से कोआपरेट नही करती हैं, नम्बर ब्लॉक करके रखती हैं, करियर बर्बाद करने की धमकी देती हैं। कैम्पस में वाई-फाई होने के बावजूद भी वाई-फाई नहीं मिलता है। हॉस्टल की व्यवस्थाएं पूर्ण रूप से ध्वस्त हैं। लाइब्रेरी छात्रों के लिए 8 बजे तक तथा रीडिंग रूम जल्द से जल्द मुहैया कराया जाय तथा उसका समय 10 बजे किया जाए। कैम्पस में वाई फाई की सुविधा जल्द से जल्द दुरुस्त की जाए।

विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बनी सहमति:

आंदोलन को देख विश्वविद्यालय कुलपति ने छात्रों की मांगों पर तुरंत संज्ञान लेते हुए, रजिस्ट्रार, फाइनेंस ऑफिसर, लाइब्रेरियन के आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इन मुद्दों पर सहमति बनी।

विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इन मुद्दों पर बनी सहमति: जिसमें की एक और डॉक्टर 11 दिसम्बर से शाम से बैठेंगे। लाइब्रेरी तथा रीडिंग रूम अगले 7,8 दिनों में शुरू हो जाएगी। पूरे कैम्पस में वाई फाई अगले 15 दिसम्बर तक सुचारू रूप से शुरू कर दी जायेगी। फाइनेंस ऑफिस द्वारा पूर्ण रूप से मेस तथा हॉस्टल कंट्रोल, डीन ऑफ स्टूडेंस वेलफेयर के ऑफिस को दिया जाएगा।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता इसे छात्र हितों के लिए उठाए गए आंदोलन को बड़ी जीत मान रही है।

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