अब पलक झपकते फाल्ट पकड़ेगा टावर कार का सेंसरयुक्त कैमरा

रांची रेल मंडल में आधुनिक तकनीक से लैस डीजल इलेक्ट्रिक टावर कार को झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 07:50 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 07:50 AM (IST)
अब पलक झपकते फाल्ट पकड़ेगा टावर कार का सेंसरयुक्त कैमरा
अब पलक झपकते फाल्ट पकड़ेगा टावर कार का सेंसरयुक्त कैमरा

जागरण संवाददाता, रांची : रांची रेल मंडल में आधुनिक तकनीक से लैस डीजल इलेक्ट्रिक टावर कार आ गई है। इसमें एक सेंसर युक्त कैमरा लगा है जो ओवरहेड इलेक्ट्रिक सिस्टम में आने वाले फाल्ट को पलक झपकते ढूंढ लेगा। टावर कार के केबिन में लगा मानीटर इंजीनियरों को ओवरहेड इलेक्ट्रिक सिस्टम की खामी से अवगत करा देगा। इस टावर कार के आ जाने के बाद रांची रेल मंडल का इलेक्ट्रिक विभाग पहले की तुलना में अधिक क्षमता से काम कर सकेगा।

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि यह कार उच्च गुणवत्ता वाली और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इलेक्ट्रिक ओवरहेड वायर और उसमें लगे अन्य उपकरणों के निरीक्षण के लिए विशेष कैमरे लगाए हैं। इससे टावर कार में बैठे-बैठे इंजीनियर, ओवरहेड वायर और उनके उपकरणों की जांच-पड़ताल कर सकेंगे। इसमें अधिकारियों और कर्मचारियों के बैठने के लिए छोटे केबिन बनाए गए हैं। ट्रैक्शन अल्टरनेटर, पावर रेक्टिफायर, ट्रैक्शन मोटर, आक्जीलियरी अल्टरनेटर, मोटर स्विच और अन्य उपकरण भी लगे हुए हैं।

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110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी टावर कार

यह टावर कार अधिकतम 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। इससे पहले जो ट्रेन ओवरहेड इलेक्ट्रिक सिस्टम की मरम्मत के लिए प्रयोग की जाती थी उसकी रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटा थी। रफ्तार बढ़ जाने से इंजीनियर फाल्ट साइट पर जल्दी पहुंच सकेंगे। इस टावर कार में दो इंजन हैं। एक वक्त में एक इंजन काम करता है। जबकि दूसरा इंजन स्टैंडबाई में रहता है। इंजन में खराबी पर दूसरा इंजन चालू कर गंतव्य तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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ध्वनि रहित जेनरेटर से लैस है टावर कार

इस कार में ध्वनि रहित जेनरेटर सेट भी लगाया गया है। पहले वाली कार में जेनरेटर के ध्वनि प्रदूषण की वजह से इंजीनियरों का काम प्रभावित होता था। टावर कार पर 60 टन वजन के उपकरणों को भी ले जाया जा सकता है।

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कामचलाऊ किचन भी

कार में एक रसोई की भी व्यवस्था की गई है। ताकि जरूरत पर इसमें लंच, डिनर और नाश्ते का भी इंतजाम किया जा सके। पहले वाली कार में किचन की सुविधा नहीं थी। इस वजह से अगर मरम्मत के काम में देर हुई तो दूरदराज के इलाके में इंजीनियरों को नाश्ता-पानी नहीं मिल पाता था।

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डीआरएम ने टावर कार को दिखाई हरी झंडी

डीआरएम नीरज अंबष्ट ने हटिया रेलवे स्टेशन पर टावर कार को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर मंडल रेल प्रबंधक एमएम पंडित, अपर मंडल रेल प्रबंधक सतीश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक व जनसंपर्क अधिकारी नीरज कुमार, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता कुलदीप कुमार, वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी, वरिष्ठ मंडल सामग्री प्रबंधक मोहम्मद गोरी आदि मौजूद थे।

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