एसएफवीआरएस के आश्रितों को 10 दिनों के अंदर नौकरी दे सीसीएल : अब्दुल्ला
आरसीएमएस इंटक के द्वारा एसएफवीआरएस के आश्रितों को नौकरी देने की माग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया।
खलारी : आरसीएमएस इंटक के द्वारा एसएफवीआरएस के आश्रितों को नौकरी देने की माग को लेकर डकरा परियोजना कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया। धरना के माध्यम से प्रबंधन को तीन सूत्री मागों से अगवत कराया गया। मागों में वर्ष 2016 में स्पेशल फिमेल वीआरएस स्कीम के तहत जिन महिला कर्मचारियों को नौकरी से बैठाया गया और आज तक उनके आश्रितों को नौकरी नहीं दी गई है, उनके आश्रितों को अविलंब नौकरी देने, डकरा परियोजना में सीसीएल के अनुच्छेद 9:3:0 के तहत जिन आश्रितों को अब तक नौकरी नहीं दी गई है उन्हें अविलंब नौकरी देने और असंगठित मजदूरों को बोनस का जल्द भुगतान करने की माग की गई। धरना के अंत में यूनियन की ओर से प्रबंधन को तीन सूत्री माग पत्र सौंपा गया। आरसीएमएस एरिया सचिव सह जिप सदस्य अब्दुल्ला अंसारी ने चेतावनी दी है कि दस दिनों के अंदर प्रबंधन समाधान नहीं करती है तो 17 मार्च से डकरा परियोजना का काम तथा एनके एरिया का ट्रासपोटिर्ग अनिश्चितकाल के लिए बंद करा दिया जाएगा। धरना में अब्दुल्ला अंसारी के अलावा जिया आलम, मुमताज अहमद, सुनील कुमार सिंह, पजू महतो, सलामत अंसारी, कोलेष्वर माझी, इंटेस मद्रासी, जितेंद्र कुमार, कलीम अंसारी, मोबिन खान, विनय चौहान, मुख्तार अंसारी, मनोज चौहान, मनोज महतो, धमेंद्र चौहान, सुनील चौहान, अरविंद चौबे, सुरेंद्र प्रसाद, दिलीप सिंह, रामवतार, अमजद खान, मुमताज अंसारी, अशोक सिंह, शमीम, मनोज कुमार, उदय चौहान, सुनील चौहान, प्रवीण सिंह, राजू साव, अजय चौहान, हरिकेश चौहान, फिरोज अंसारी, शिवा तुरी, जफर अंसारी, आनंद तुरी, आशिक, मानदेय चौहान, पिंटू चौहान, राजेश कुमार, सूरज चौहान, अनिल चौहान, किरण देवी, सहोद्रा बाई, अमृत मोची, रधवा देवी आदि शामिल थे।
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सुचारू रूप से कारखाना चलाए खलारी सीमेंट प्रबंधन, अन्यथा समझौता रद समझे : यूनियन
खलारी: दी खलारी सीमेंट वर्कर्स यूनियन ने खलारी सीमेंट लिमिटेड प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रबंधन सीमेंट कारखाने को सुचारू रूप से चलाए अन्यथा विगत 24 फरवरी को हुए समझौते को रद्द समझे। इस संबंध में यूनियन की ओर से महामंत्री उदयकांत झा ने संबंधित पत्र कंपनी के कार्यकारी निदेशक व मुख्य महाप्रबंधक को दिया है। पत्र में प्रबंधन को बताया गया है कि विगत 4 फरवरी को पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकात सहाय की मध्यस्थता में कंपनी के कार्यकारी निदेशक तथा यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष सह प्रदेश काग्रेस लेबर सेल सचिव राजनसिंह राजा के बीच वार्ता में कई बातों पर सहमति बनी थी। जिसमें कारखाने का सुचारू रूप से परिचालन, सेवानिवृत कर्मियों को ग्रेच्युटी भुगतान, नवंबर व दिसंबर 2020 के वेतन का एकमुश्त भुगतान, प्रबंधन के कारण कारखाने में आए व्यवधान के दिनों का वेतन भुगतान शामिल था। 11 फरवरी को पुन: अशोक कुमार सेनगुप्ता 'बादल' की उपस्थिति में यूनियन के महामंत्री के साथ भी उपरोक्त बिंदुओं पर सहमति बनी। इस सहमति के बाद 14 फरवरी से कामगार उद्योगहित में प्रबंधन को सहयोग करते आ रहे हैं। यूनियन ने कहा है कि सहमति के विपरीत प्रबंधन ने कारखाना को सुचारू रूप से चलाने का काम नहीं कर समझौता तोड़ने का काम किया है। इस बीच सीमेंट कामगारों के विश्वास का फायदा उठाते हुए कारखाना परिसर से चार रैक कोयला डिस्पैच किया गया। सैकड़ों टन लोहा पीतल स्क्रैप रूप में बेच दिया गया। जबकि मुख्य मुद्दा सीमेंट उत्पादन था। सीमेंट उत्पादन से इतर दूसरे स्रोतों से करोड़ों की कमाई करने के बाद भी बिजली बिल का भुगतान नहीं किया, परिणाम स्वरूप विभाग द्वारा कारखाने का बिजली सप्लाई काट दी गई। इससे कामगारों एवं सेवानिवृत्त कामगारों में घोर निराशा है। यूनियन ने सीमेंट कारखाना परिसर से कोयला व्यापार और मशीनों को स्क्रैप कहकर बेचने को तत्काल प्रभाव से रोकने कहा है।