बकोरिया मुठभेड़ मामले में पूर्व डीजीपी सहित 7 अफसरों का बयान लेगी सीबीआइ

Jharkhand Police. घटना से संबद्ध अफसरों का बयान लेने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी चार्जशीट दाखिल करेगी। इसकी कवायद शुरू हो गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 02:56 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 02:56 PM (IST)
बकोरिया मुठभेड़ मामले में पूर्व डीजीपी सहित 7 अफसरों का बयान लेगी सीबीआइ
बकोरिया मुठभेड़ मामले में पूर्व डीजीपी सहित 7 अफसरों का बयान लेगी सीबीआइ

रांची, राज्य ब्यूरो। पलामू जिले के सतबरवा ओपी अंतर्गत बकोरिया में आठ जून 2015 को हुई कथित पुलिस-नक्सली मुठभेड़ मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ की टीम शीघ्र ही आरोप पत्र दाखिल करेगी। इससे पूर्व सीबीआइ के अधिकारी पूर्व डीजीपी डीके पांडेय, तत्कालीन एडीजी विशेष शाखा अनुराग गुप्ता, एडीजी ए. नटराजन, तत्कालीन डीआइजी पलामू हेमंत टोप्पो, तत्कालीन एसपी पलामू मयूर पटेल कन्हैया लाल व तत्कालीन एसपी लातेहार अजय लिंडा का बयान लेंगे।

इसकी कवायद शुरू हो गई है। इस घटना में पुलिस ने 12 लोगों को मुठभेड़ में मारने का दावा किया था। मृतकों के परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताया था। सीबीआइ ने इस केस के शिकायतकर्ता तत्कालीन सतबरवा ओपी प्रभारी मोहम्मद रुस्तम का बयान ले लिया है। उन्हें सरकारी गवाह बनाने की तैयारी है।

अफसरों ने जो दावा किया था

बकोरिया मुठभेड़ के बाद पुलिस ने दावा किया था कि आठ जून 2015 की देर रात पुलिस सतबरवा के बकोरिया गांव के पास सर्च अभियान चला रही थी। इस दौरान पुलिस पर नक्सलियों ने गोलीबारी प्रारंभ कर दी थी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में 12 नक्सली मारे गये थे। पुलिस के अनुसार करीब तीन घंटे तक मुठभेड़ चली और घटनास्थल से पुलिस ने एक वाहन, 8 रायफल, 250 कारतूस आदि जब्त किए थे। इस मुठभेड़ की जांच जब-जब तेज की गई थी, तब तब अधिकारी बदल दिए गए थे। अब सीबीआइ इस कांड का तह खंगालने में जुटी है।

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