डीपीएस के छात्र अंतरिक्ष की मौत मामले में सीआइडी रही बेनतीजा, अब CBI ने मांगी रिपोर्ट Ranchi News

अरगोड़ा में अंतरिक्ष के मौत मामले में सीबीआइ ने झारखंड पुलिस से कुछ नए बिंदुओं पर एक फॉर्मेट में रिपोर्ट मांगी थी। सीबीआइ को अब अपडेट रिपोर्ट भेजी जा रही है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 10:08 AM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 10:56 AM (IST)
डीपीएस के छात्र अंतरिक्ष की मौत मामले में सीआइडी रही बेनतीजा, अब CBI ने मांगी रिपोर्ट Ranchi News
डीपीएस के छात्र अंतरिक्ष की मौत मामले में सीआइडी रही बेनतीजा, अब CBI ने मांगी रिपोर्ट Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। अरगोड़ा में 25 जुलाई 2016 को हुई डीपीएस के छात्र अंतरिक्ष शनिग्रही की संदेहास्पद स्थिति में मौत के मामले को सीबीआइ अब तक टेकओवर नहीं कर सकी है। पुलिस मुख्यालय की अनुशंसा पर गृह विभाग ने सीबीआइ से जांच कराने की अनुशंसा की थी। सीबीआइ ने झारखंड पुलिस से कुछ नए बिंदुओं पर एक फॉर्मेट में रिपोर्ट मांगी थी। अब पुलिस मुख्यालय से प्राप्त बिंदुवार रिपोर्ट को गृह विभाग ने सीबीआइ को भेज दिया है।सीबीआइ को भेजी जाने वाली रिपोर्ट के लिए ही कुछ दिन पूर्व ही सीआइडी के आइजी (संगठित अपराध) रंजीत कुमार प्रसाद ने मृतक की मां रूपाली महंती व नाना गोपाल महंती का बयान लिया था।

तब मृतक छात्र की मां और नाना दोनों ने बताया था कि मृतक की मां रूपाली व पिता सुभाशीष के बीच आपसी मतभेद था। दोनों अलग हो गए थे। अंतरिक्ष अपनी मां के साथ रहकर डीपीएस में पढ़ता था। वह इकलौता बेटा था। अंतरिक्ष पढ़ाई के लिए पिता से खर्च मांगता था, जिससे वे लोग नाराज रहते थे। संपत्ति में हिस्सा न मिले, इसलिए उसकी गाड़ी में धक्का मारकर उसकी हत्या करवा दी। अंतरिक्ष की मौत के बाद यह बात सामने आई थी कि उसकी मौत सड़क हादसे में हुई है। जबकि, घटना के बाद से ही लगातार मृतक की मां यह आरोप लगा रही है कि एक साजिश के तहत अंतरिक्ष को रास्ते से हटाया गया है।

एक दारोगा हो चुके हैं निलंबित, सीआइडी भी बेनतीजा

अंतरिक्ष की मौत पर सवाल उठाने वाली पीडि़ता मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी पहुंच गई थी। उसने बताया था कि उसके बेटे की मौत के बाद पुलिस ने उनका बयान तक नहीं लिया। इस मामले को मुख्यमंत्री ने भी गंभीरता से लिया था और तब रांची के तत्कालीन एसएसपी को फटकार भी लगाई थी। अरगोड़ा के तत्कालीन दारोगा (कांड के अनुसंधानकर्ता) निलंबित किए गए थे। इसके बाद ही अनुसंधान की जिम्मेदारी सीआइडी को दी गई थी। सीआइडी के तत्कालीन एडीजी एमवी राव ने भी तत्कालीन अरगोड़ा थानेदार रतिभान सिंह का क्लास लगाया था। एडीजी ने केवल एक ही गलती पकड़ी थी कि मृतक की मां का बयान क्यों नहीं लिया गया।

मां का आरोप

मां रूपाली के अनुसार उनके बेटे की मौत दुर्घटना नहीं, बल्कि उसकी हत्या जान-बूझकर गाड़ी में ठोकर मारकर की गई है। इस मामले में उन्होंने अपने पति सुभाशीष, चाचा देवाशीष शनिग्रही, देवाशीष की पत्नी झरना और ससुर सुजाय चंद्र शनिग्रही को आरोपित किया था।

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