JPSC परीक्षा मामले में सीबीआइ अपने तरीके से जांच को स्वतंत्र : सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court. प्रथम व द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका के दोबारा मूल्यांकन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी गई।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 10:20 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 10:20 PM (IST)
JPSC परीक्षा मामले में सीबीआइ अपने तरीके से जांच को स्वतंत्र : सुप्रीम कोर्ट
JPSC परीक्षा मामले में सीबीआइ अपने तरीके से जांच को स्वतंत्र : सुप्रीम कोर्ट

रांची, राज्य ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट में जेपीएससी की उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा मूल्यांकन करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस दीपक गुप्ता व जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अदालत ने प्रवीण प्रकाश एवं अन्य की याचिका खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि सीबीआइ जैसी एजेंसी किसी भी मामले में अपने तरीके से जांच करने के लिए स्वतंत्र है। जांच के लिए वह किसी भी तरीके का इस्तेमाल कर सकती है। अदालत ने कहा कि उसने अपने किसी भी आदेश में उत्तर पुस्तिकाओं के दोबारा मूल्यांकन का आदेश नहीं दिया है।

आदेश में सीबीआइ को अपने तरीके से जांच करने का निर्देश दिया गया है। इस कारण प्रार्थियों की दलील स्वीकार नहीं की जा सकती। दरअसल, प्रार्थियों ने सीबीआइ द्वारा जेपीएससी की प्रथम व द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के दोबारा मूल्यांकन पर सवाल खड़ा किया है। उनका कहना है कि उत्तर पुस्तिकाओं का दोबारा मूल्यांकन नहीं कराया जा सकता।

प्रार्थियों की ओर से जेपीएससी के उस प्रावधान का हवाला दिया गया जिसमें उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन का प्रावधान नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह किसी खास उम्मीदवार और परीक्षार्थी के उत्तर पुस्तिकाओं की जांच नहीं हो रही है। बल्कि सीबीआइ जांच के क्रम में ऐसा कर रही है। इस पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। प्रार्थी को इससे संबंधित दलील सीबीआइ की विशेष अदालत में रखने को कहा है। बता दें कि जेपीएससी मामले में सीबीआइ की निगरानी में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया गया है।

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