मानसून से पहले बढ़ाई जाएगी राजधानी के कई ट्रांसफार्मरों की क्षमता Ranchi News
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड मानसून में राजधानी में निर्बाध बिजली आपूर्ति चालू रखने के लिए तैयारी को लेकर एक खाका तैयार किया है। इसके तहत शहर के सभी ट्रांसफार्मरों की जांच होगी। अगर किसी ट्रांसफार्मर में अधिक लोड के चलते बार-बार फ्यूज उड़ता है।
रांची, जासं । झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड मानसून में राजधानी में निर्बाध बिजली आपूर्ति चालू रखने के लिए तैयारी को लेकर एक खाका तैयार किया है। इसके तहत शहर के सभी ट्रांसफार्मरों की जांच होगी। अगर किसी ट्रांसफार्मर में अधिक लोड के चलते बार-बार फ्यूज उड़ता है, तो उस ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा विभाग ने कार्यपालक अभियंताओं के लिए सात सूत्रीय दिशा निर्देश जारी किए हैं।
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के रांची सर्किल के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव ने सभी कार्यपालक अभियंताओं से कहा है कि वह विद्युत पावर हाउस में लगे पावर ट्रांसफॉर्मरों के तेल के स्तर और ब्रेकर समेत सभी उपकरणों के अर्थ इनकी जांच करा लें। अगर किसी सब स्टेशन में मरम्मत की जरूरत है, तो इस काम को एक हफ्ते के अंदर पूरा कर लिया जाए। यही नहीं 33 केवी और 11 केवी के साथ ही एलटी लाइन की जांच करा ली जाए। अगर किसी स्थानों पर पेड़ की टहनी सटने की संभावना है तो उसे छांट दिया जाए।
पेड़ों की छंटाई के लिए अगर फीडर के शटडाउन की जरूरत है तो इसकी सूचना पहले से मीडिया के माध्यम से जनता को भी दी जाए। शहर के विभिन्न स्थानों में लगे 200, 100 और 63 केवीए के ट्रांसफार्मरों की जांच की जाए। अगर किसी ट्रांसफार्मर में तेल डालने की जरूरत है तो हफ्ते भर में यह काम पूरा कर लिया जाए। ट्रांसफार्मरों की अर्थिंग की जांच करने के भी निर्देश दिए गए हैं। शहरी क्षेत्र में जलने वाले ट्रांसफार्मरों को 6 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के जले ट्रांसफार्मर को 48 घंटे के अंदर बदलना सुनिश्चित किया जाए। मरम्मत कार्य के आने वाले विभिन्न सामग्रियों जैसे ज्वाइंट किट, इंसुलेटर, आयरन मैटेरियल्स, तार इत्यादि सामान को भंडार से निर्गत करा लिया जाए ताकि काम करने में आसानी हो।
कोविड-19 अस्पतालों को शटडाउन की पहले से दें जानकारी
महाप्रबंधक ने कार्यपालक अभियंताओं को निर्देश दिया है कि अगर कोविड-19 के इलाज में जुटे अस्पतालों के फीडर को शटडाउन की जरूरत है, तो इसके लिए पहले अस्पताल के अधिकारियों को व्यक्तिगत रुप से शटडाउन की जानकारी दी जाए और उनसे बात करने के बाद ही शटडाउन लिया जाए।