रिम्स में अब नियमित हो सकेगी बाइपास सर्जरी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग खरीदेगा आइएबीपी मशीन
रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) मरीजों के दिलों का विशेष ख्याल रखने को तीन प्रमुख उपकरणों की खरीदारी करेगा। इन उपकरणों की सुविधा होने से रिम्स में नियमित तौर पर बाइपास सर्जरी हो सकेगी। अब तक महीने में एक या दो मामले ही बाइपास सर्जरी के हो पाते थे।
रांची [शक्ति सिंह] । रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) मरीजों के दिलों का विशेष ख्याल रखने को तीन प्रमुख उपकरणों की खरीदारी करेगा। इन उपकरणों की सुविधा होने से रिम्स में नियमित तौर पर बाइपास सर्जरी हो सकेगी। अब तक इसकी सुविधा नहीं होने से महीने में एक या दो मामले ही बाइपास सर्जरी के हो पाते थे। इसके लिए कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग में आइएबीपी (इंट्रा एआर्टिक बलून पंप), एबीजी (आर्टियल ब्लड गैस एनलाइजर) और इको मशीन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
कार्डियोथोरेसिक विभाग ने रिम्स प्रबंधन से अनुमति मांगी है, ताकि जल्द से जल्द इसकी खरीदारी हो सके। मरीज की सर्जरी की दृष्टि से इसकी जरूरत अधिक है। इन उपकरणों की सुविधा होने से बेहतर और कई कार्डियक सर्जरी हो सकेगी।
आइएबीपी मशीन : बाइपास सर्जरी के दौरान आवश्यक
आइएबीपी मशीन का इस्तेमाल अमूमन हृदय कमजोर होने पर किया जाता है। उन्हें आइएबीपी मशीन पर रखा जाता है। बाइपास सर्जरी के दौरान इसकी आवश्यकता अधिक पड़ती है। आपरेशन के बाद भी कई दफा इस उपकरण की जरूरत पड़ती है। कई बार आपरेशन के बाद ब्लड प्रेशर संबंधित समस्या होने पर इस उपकरण की मदद ली जाती है।
एबीजी मशीन : मरीज को कितने आक्सीजन की जरूरत, चल जाएगा पता
एबीजी उपकरण के माध्यम से शरीर में आक्सीजन और कार्बन डाइआक्साइड की स्थिति को जाना जाता है। आपरेशन के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाता है, इसमें देखा जाता है कि मरीज को कितने आक्सीजन की जरूरत है या फिर मरीज को वेंटिलेटर पर डालना पड़ेगा। इसकी सुविधा कार्डियोथोरेसिक विभाग में नहीं रहने के कारण आपरेशन करने में परेशानी होती है।
इको मशीन : कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग में जरूरी
कार्डियोलाजी विभाग में भले ही इको मशीन की सुविधा है। लेकिन कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग में इको मशीन की सुविधा नहीं होने से परेशानी होती है। इसके लिए कार्डियोलाजी विभाग की मदद लेनी पड़ती है। लेकिन कई दफा आपरेशन के पहले इसकी आवश्यकता पड़ती है। इको मशीन से हार्ट पंङ्क्षपग को देखा जाता है। सर्जरी के पहले इसकी जरूरत पड़ती है।