ब्रिटिश उप उच्चायुक्त ने झारखंड की छात्रवृत्ति योजना की प्रशंसा की, पत्र लिखकर बताया दूरदर्शी कदम

Jharkhand News Hindi News ब्रिटिश उप उच्चायुक्त ने योजना को हाशिये पर पड़े समुदायों की बेहतरी की दिशा में एक दूरदर्शी कदम बताया है। यूके और झारखंड के बीच शिक्षा और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में बड़ी साझेदारी के लिए भविष्य में सहयोग का वादा किया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 09:39 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 09:43 PM (IST)
ब्रिटिश उप उच्चायुक्त ने झारखंड की छात्रवृत्ति योजना की प्रशंसा की, पत्र लिखकर बताया दूरदर्शी कदम
Jharkhand News, Hindi News ब्रिटिश उप उच्चायुक्त ने छात्रवृत्ति योजना की प्रशंसा की।

रांची, राज्य ब्यूरो। कोलकाता में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त निक लो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना को सफलतापूर्वक शुरू करने और आदिवासी समुदाय के छात्रों को विदेश जाने में मदद करने के लिए बधाई दी है। उन्होंने सम्मान समारोह का हिस्सा नहीं बन पाने पर खेद भी व्यक्त किया। योजना को दूरदर्शी बताते हुए उन्होंने लिखा है कि ब्रिटेन में उच्च अध्ययन के लिए फर्स्‍ट बैच को भेजने से मेरे दिल में खुशी और दुख दोनों का भाव है।

खुशी इस बात की है कि झारखंड सरकार ने यूनाइटेड किंगडम में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आदिवासी समुदायों के छात्रों के लिए मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना शुरू की। वहीं, सम्मान समारोह का हिस्सा नहीं बन पाने पर मुझे खेद है। हाशिये पर पड़े समुदायों का सहयोग करने के लिए राज्य सरकार की दूरदर्शी पहल की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड और यूनाइटेड किंगडम के बीच ज्ञान की साझेदारी को आरंभ करना बेहतरीन कदम है।

जयपाल सिंह मुंडा ने एक सदी पहले अपना बीए का कोर्स आक्सफोर्ड से किया था। यूके के विश्वविद्यालयों में पहले समूह का स्वागत करते हुए उन्होंने लिखा कि यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में मास्टर्स प्रोग्राम के लिए चुने गए छह स्कालर्स के पहले समूह का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। मेरे सहयोगी और मैं ब्रिटिश उप उच्चायोग में शिक्षा और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में एक गहरी और बड़ी भागीदारी को चलाने के लिए इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।

इधर, मुख्‍यमंत्री ने इस पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के लिए यूके जाने वाले झारखंड के आदिवासी छात्रों के लिए मारंग गोमके प्रवासी छात्रवृत्ति योजना की स्वीकृति के लिए ब्रिटिश उप उच्चायुक्त निक लो और ब्रिटिश उच्चायोग को मेरा हार्दिक धन्यवाद। मैं शिक्षा, खेल, जलवायु परिवर्तन आदि के क्षेत्रों में एक साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं।

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