Milk Bank: अपने बच्चे को नहीं करा पा रहीं स्तनपान, तो यहां मिलेगा मां का दूध... ये महिलाएं करेंगी दूध दान
Milk Bank मां के दूध से वंचित जरूरतमंद नवजात शिशुओं को स्वस्थ रखने के लिए सरकार जल्द ही ब्लड बैंक की तर्ज पर मिल्क बैंक शुरू करने जा रही है। यहां उन बच्चों को मां का दूध उपलब्ध कराया जाएगा जिनकी अपनी मां स्तनपान करा पाने में असमर्थ हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Milk Bank, Breastfeeding झारखंड सरकार का स्वास्थ्य विभाग ब्लड बैंक की तर्ज पर राज्य में मिल्क बैंक शुरू करेगा। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण सिंह ने सोमवार को झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (जेएसएसीएस) के प्रतिभा सम्मान समारोह में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की उपस्थिति में यह घोषणा की। मिल्क बैंक दरअसल मदर मिल्क बैंक होता है, जो मां के दूध से वंचित बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
अपर मुख्य सचिव अरुण सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में ब्लड बैंक के तर्ज पर मिल्क बैंक की स्थापना स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जाएगी ताकि मां के दूध से वंचित जरूरतमंद नवजात शिशुओं मिल्क बैंक के माध्यम दूध मुहैया कराया जा सके। अपर मुख्य सचिव ने जेएसएसीएस द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की। पहली बार समिति ने इस वर्ष अगस्त माह माह में 26,914 यूनिट रक्त संग्रह राज्य स्तर पर किया है।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अगस्त माह में स्वैच्छिक रक्तदान में बेहतर योगदान देने वाली स्वयंसेवी संस्थानों के साथ रक्तदान विषय पर निबंध एवं क्विज प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया। इसके अलावा एचआइवी-एड्स के संक्रमण की रोकथाम में बेहतर कार्य करनेवाले एनजीओ को राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया। इस मौके पर
जेएसएसीएस के परियोजना निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह,एसएस पासवान भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में स्वैच्छिक रक्तदान में सहभागिता निभाने वाले कुल 37 स्वयंसेवी संस्थानों, सात टीआई एनजीओ और निबंध एवं क्विज प्रतियोगिता में सफल कुल 25 स्कूल-कॉलेजों छात्रों को सम्मानित किया गया।
मिल्क बैंक क्या होता है
मिल्क बैंक में नवजात शिशुओं के लिए मां का सुरक्षित दूध स्टोर किया जाता है। इसकी मदद से उन नवजात शिशुओं को मां का दूध उपलब्ध कराया जाता है जिनकी अपनी मां किसी कारणवश स्तनपान करा पाने में असमर्थ हैं। मिल्क बैंक में दो तरह की महिलाएं दूध दान करती है, पहली स्वेच्छा से और दूसरी वे माताएं जो अपने बच्चों को दूध नहीं पिला सकतीं। दुनियाभर में कई देशों में ऐसे बैंक खोले जा रहे हैं। ह्यूमन मिल्क बैंक का दूध बच्चों में होने वाले संक्रमण के खतरे को कम करने में मददगार साबित होता है और बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।