हेमंत सरकार में जनवितरण प्रणाली व्यवस्था हुई चौपट : नवीन जायसवाल

रांची भाजपा के प्रदेश मंत्री व विधायक नवीन जायसवाल ने मौजूदा सरकार के शासनकाल में जनवितरण प्रणाली के पूरी तरह ध्वस्त हो जाने का आरोप लगाया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 07:19 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 07:19 PM (IST)
हेमंत सरकार में जनवितरण प्रणाली व्यवस्था हुई चौपट : नवीन जायसवाल
हेमंत सरकार में जनवितरण प्रणाली व्यवस्था हुई चौपट : नवीन जायसवाल

रांची : भाजपा के प्रदेश मंत्री व विधायक नवीन जायसवाल ने मौजूदा सरकार के शासनकाल में जनवितरण प्रणाली के पूरी तरह ध्वस्त हो जाने का आरोप लगाया है। गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में नवीन जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण कोरोना काल में राज्य की जनता भूखे पेट सोने को मजबूर हुई। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि जन वितरण प्रणाली व सरकार की लचर व्यवस्था के कारण अब तक 16 से ज्यादा लोगों की भूख से मौत हो चुकी है।

नवीन जायसवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त अनाज का बंटवारा भी करने में यह सरकार अक्षम साबित हुई। अनाज गोदामों में सड़ता रहा और राज्य की जनता भूखे पेट सोती रही। दीदी किचन, थानों में सामुदायिक किचन से लेकर आंगनबाड़ी तक में बड़े-बड़े घोटाले हुए। यह सवाल खुद राज्य सरकार में शामिल विधायक और मंत्री ने भी उठाया था। सरकार ने बमुश्किल पांच से सात फीसद लोगों को खाना दिया। नवीन जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस और झामुमो की सरकार ने धान खरीदने के लिए 2500 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का वादा किया था। बीपीएल और एपीएल कार्ड धारकों को 35 किलो अनाज, बीपीएल का सर्वे करवा कर नए नाम जोड़ने समेत कई वादे किए थे। सभी अधूरे हैं। इस मौके पर उन्होंने पूर्व की रघुवर सरकार द्वारा किए गए कार्यों को भी साझा किया। कहा, आम जनता से जुड़ी ज्यादातर प्रमुख योजनाओं को कांग्रेस-झामुमो की सरकार ने बंद कर दिया है। इस मौके पर प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा उपस्थित थीं।

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टेंडर घोटाले का लगाया आरोप :

नवीन जायसवाल ने कहा कि हेमंत सरकार में टेंडर घोटाला हुआ है। जिला के अंतर्गत प्रखंड स्तरीय डोर स्टेप डिलीवरी 2020 से 2022 तक के लिए टेंडर हुआ, जिसमें मात्र दो कार्य दिवस का समय दिया गया था। जबकि, टेंडर के लिए चरित्र प्रमाण पत्र, बैंक गारंटी एवं वाहन कागजात बनवाना दो दिन में संभव नहीं है। इससे साबित होता है कि कम समय देकर सत्ता में शामिल लोगों द्वारा टेंडर डालने का कार्य किया गया।

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