सत्यता प्रमाणित करें, नहीं तो सार्वजनिक रूप से माफी मांगें बाबूलाल

रांची : झारखंड विकास मोर्चा प्रमुख बाबूलाल मरांडी के छह विधायकों को खरीदने के आरोपों और उनके द्वारा सार्वजनिक किए गए पत्र को भाजपा ने पूरी तरह से खारिज करते हुए उन्हें चुनौती दी है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय और झाविमो से भाजपा में शामिल हुए सभी छह विधायकों ने शनिवार को प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बाबूलाल को पत्र की सत्यता प्रमाणित करने के लिए सात दिनों का अल्टीमेटम दिया। स्पष्ट कहा कि इस अवधि तक यदि वे सत्यता प्रमाणित नहीं कर पाते हैं तो उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Jul 2018 10:27 PM (IST) Updated:Sat, 07 Jul 2018 10:27 PM (IST)
सत्यता प्रमाणित करें, नहीं तो सार्वजनिक रूप से माफी मांगें बाबूलाल
सत्यता प्रमाणित करें, नहीं तो सार्वजनिक रूप से माफी मांगें बाबूलाल

रांची : झारखंड विकास मोर्चा प्रमुख बाबूलाल मरांडी के छह विधायकों को खरीदने के आरोपों और उनके द्वारा सार्वजनिक किए गए पत्र को भाजपा ने पूरी तरह से खारिज करते हुए उन्हें चुनौती दी है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय और झाविमो से भाजपा में शामिल हुए सभी छह विधायकों ने शनिवार को प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बाबूलाल को पत्र की सत्यता प्रमाणित करने के लिए सात दिनों का अल्टीमेटम दिया। स्पष्ट कहा कि इस अवधि तक यदि वे सत्यता प्रमाणित नहीं कर पाते हैं तो उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी। अन्यथा उन पर मानहानि का मुकदमा किया जाएगा। भाजपा ने इस पत्र की जांच भी किसी सक्षम एजेंसी से कराने की मांग की ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता और सहानुभूति हासिल करने के लिए जालसाजों द्वारा झूठ पर आधारित पत्र तैयार कराया गया है। बाबूलाल जालसाजों का गिरोह चला रहे हैं। बाबूलाल यह बताएं कि यह पत्र उन्हें कब, कहां और किससे मिला है। कहा, पत्र निराधार है, राजनीतिक स्तरहीनता का परिचायक है। हम इसे हर स्तर पर चुनौती देने को तैयार हैं। इस पत्र के साथ ही झाविमो की समाप्ति का दौर प्रारंभ हो गया है। राय ने कहा कि जिस तरह के पत्र का उल्लेख किया जा रहा है, कोई राजनीतिक अज्ञानी भी ऐसा नहीं करेगा। ऐसा पत्र ऐसे मुद्दे पर लिखा जाए, ऐसी हल्की राजनीति करने वाला भी नहीं सोच सकता। रवींद्र राय ने बाबूलाल की चुटकी लेते हुए कहा कि माफी मांगने वालों की फेहरिश्त में एक और नाम जुड़ने वाला है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल के बाद बाबूलाल माफी मांगने वाले दूसरे नेता होंगे। कहा, निहायत सस्ती लोकप्रियता के लिए बाबूलाल ने ऐसा काम किया है। प्रेस कांफ्रेंस में मंत्री रणधीर सिंह, अमर कुमार बाउरी, नवीन जायसवाल, जानकी यादव, आलोक कुमार चौरसिया, गणेश गंझू, भाजपा के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश और प्रवक्ता राजेश कुमार शुक्ला भी उपस्थित थे।

----

चिट्ठी सच हुई तो राजनीति से सन्यास ले लूंगा : रवींद्र राय

रवींद्र राय ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने जिस चिट्ठी को राज्यपाल को सौंपा है, वह पैड भी नकली है और उसके हस्ताक्षर भी नकली। चुनौती दी कि यदि चिट्ठी सच हुई तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा। स्पष्ट किया कि वे 10 मार्च 2013 से 16 मई 2016 तक प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे। जिस वक्तकी चिट्ठी बताई जा रही है उस समय मैं प्रदेश अध्यक्ष था। जबकि जिस पैड पर चिट्ठी लिखी गई है वो किसान मोर्चा का पैड है। बाबूलाल ने गुस्ताखी की है। उन्हें संवैधानिक पद पर बैठे किसी शख्स को चिट्ठी देने से पहले उसकी सत्यता की जांच कर लेनी चाहिए थी। तंज कसा जो अपने घर को नहीं संभाल पाया वो आरोप लगाने के अलावा कर भी क्या सकता है।

-----

मैंने बाबूलाल से की थी बात :

रवींद्र राय ने कहा कि झाविमो के दल विभाजन के पूर्व मैंने बाबूलाल मरांडी से दूरभाष पर बात की थी। कहा था कि जब झाविमो के विलय की बात हो गई है तो आप पीछे क्यों हट रहे हैं। तब बाबूलाल ने कहा था कि यह मेरे लिए संभव नहीं है, मैं विधायकों को भी रोकूंगा। बाबूलाल यह नहीं कह सकते कि मैंने उन्हें सूचना नहीं दी थी। वे जनता को बरगलाने की कोशिश न करें, बाबूलाल को सारी जानकारी थी।

-----

किसने क्या कहा :

इतना घटिया आरोप कोई नकारा ही लगा सकता है। बाबूलाल मरांडी इतने नीचे गिर जाएंगे हमने कल्पना भी नहीं की थी। हमने राज्यहित में भाजपा में विलय किया था।

रणधीर सिंह, कृषि मंत्री।

------------

भाजपा में विलय का प्रस्ताव बाबूलाल मरांडी ने ही दिया था। उनकी 20-22 दिसंबर 2014 को अमित शाह से मुलाकात हुई थी। वे सहमति देकर पीछे हटे। अब स्टंटबाजी कर हमारा चीरहरण-चरित्र हनन कर रहे हैं।

-अमर कुमार बाउरी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री।

-----

पत्र जाली है, विषय बेबुनियाद और सत्य से परे है। ये विषय ऐसे समय उठाया गया है जबकि विधानसभा में मामले की सुनवाई चल रही है। यह न्यायालय की अवमानना है। एक जाली पत्र से पूरे निर्णय को प्रभावित करने की कोशिश की गई है। पार्टी के विलय का निर्णय राज्यहित में हुआ था। हम न्यायालय जाएंगे।

-जानकी यादव, बरकट्ठा विधायक।

------------

छह विधायकों पर इतने गंभीर आरोप लगाकर हमारी छवि को खराब करने की कोशिश की गई है। फर्जी दस्तावेज से विधायकों का चरित्र हनन किया जा रहा है। हम सभी राज्यहित में भाजपा में शामिल हुए थे।

-आलोक चौरसिया, डालटनगंज विधायक।

------------

नकल के लिए भी अकल चाहिए। जिस चिट्ठी को पेश किया गया वो पुराने लेटर हेड पर है। इस बारे में ज्यादा बोलना उचित नहीं। हमने एक सप्ताह का समय दिया है। स्थिति स्पष्ट करें। राज्य को राजनीतिक अस्थिरता से निकालने के लिए छह विधायकों ने विलय का निर्णय लिया था।

-नवीन जायसवाल, हटिया विधायक।

--------------

आरोप निराधार हैं। बाबूलाल जहां से जांच कराना चाहते हैं करा लें, हम सब तैयार हैं। एक अफसोस और है उन्होंने हमारे इतने कम रेट लगाए।

-गणेश गंझू, सिमरिया विधायक।

-------------

chat bot
आपका साथी