झारखंड विधानसभा में तबरेज मॉब लिंचिंग पर नूरा-कुश्ती, भाजपा विधायकों का जोरदार हंगामा-वेल में प्रदर्शन
तबरेज हत्याकांड और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का मामला उठाते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई...
खास बातें
रांची, राज्य ब्यूरो : पांचवें झारखंड विधानसभा के प्रथम सत्र (विशेष सत्र) के तीसरे दिन बुधवार को सदन में वह नजारा नजर आया जिसका अंदेशा जताया जा रहा था। पहले दो दिन तो शांतिपूर्ण ढंग से बीत गए लेकिन अंतिम दिन खासा हंगामेदार रहा। पहली पाली में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सत्ता पक्ष की ओर से तबरेज हत्याकांड और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में छेड़छाड़ का का मामला उठाए जाने के साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंक-झोंक शुरू हो गई। भाजपा विधायकों ने वेल में आकर प्रदर्शन किया तो सत्ता पक्ष की ओर से अपनी सीट पर खड़े होकर इसका विरोध दर्ज कराया गया। स्पीकर रवींद्र नाथ महतो की तमाम कोशिशों के बावजूद स्थिति जस की तस बनी रही और सदन की कार्यवाही को पहली पाली में करीब 20 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। हालांकि, दोबारा शुरू हुई कार्यवाही के दौरान भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। वहीं, दूसरी पाली में संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम द्वारा लाए गए सरकारी संकल्प के दौरान भी भाजपा विधायकों ने हंगामा किया।
राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के समर्थन में बोलने के लिए खड़े हुए इरफान अंसारी विषय से तनिक भटके और तबरेज हत्याकांड का जिक्र कर बैठे। इतना ही नहीं इरफान ने इस प्रकरण में भाजपा और आरएसएस के शामिल होने का आरोप भी लगाया। यह भी कहा कि पूर्व की सरकार के सारे मामलों की जांच कराकर दोषियों के जेल भेजेंगे। इरफान के इतना कहते ही भाजपा विधायक वेल में आकर प्रदर्शन करने लगे। भाजपा विधायक इरफान के माफी मांगने की मांग पर अड़ गए। इधर, इरफान के आरोपों से नाराज सीपी सिंह भी अपनी रौ में आ गए। उन्होंने इरफान को आरएसएस के संदर्भ में कहे गए वाक्य के लिए औकात का एहसास कराया। इरफान को पाकिस्तानी एजेंट और स्लीपर सेल भी कह दिया। हालांकि यह कहकर बात को संभाला भी कि यदि मैं ऐसा कहूं तो कैसा लगेगा। सीपी सिंह के यह कहते ही बात और बिगड़ गई।
अब तक शांत रहे सत्ता पक्ष के लोग अब सीपी सिंह से माफी की मांग करने लगे। स्पीकर बार-बार सभी को समझाते रहे लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था। पहली पाली का समय खत्म होता देख हंगामे के बीच ही उन्होंने सरकार के उत्तर के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बोलने के लिए कहा। हो-हंगामे के बीच ही मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी। जब वह अपना लिखित उत्तर सदन में पढ़ रहे थे तो विपक्षी सदस्य वेल में खड़े होकर नारेबाजी करते रहे। मुख्यमंत्री के बोलने के बाद अन्य विधायी कार्य निपटाने के साथ ही स्पीकर ने 12.56 बजे सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।