नक्सलियों से थी भाजपा नेता की दुश्मनी, 4 साल पहले भी हुआ था हत्या का प्रयास

भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष जीतराम मुंडा की नक्सलियों से भी दुश्मनी हो सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 09:00 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 09:00 AM (IST)
नक्सलियों से थी भाजपा नेता की दुश्मनी, 4 साल पहले भी हुआ था हत्या का प्रयास
नक्सलियों से थी भाजपा नेता की दुश्मनी, 4 साल पहले भी हुआ था हत्या का प्रयास

जासं, रांची : भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष जीतराम मुंडा की नक्सलियों से भी दुश्मनी थी। ओरमांझी के लोग बताते हैं कि नक्सलियों को शक था कि भाजपा नेता उनकी जानकारी पुलिस को देते हैं। इसे लेकर भाजपा नेता अलर्ट भी रहते थे। चार साल पहले जीतराम मुंडा पर ओरमांझी में ही गोली चलाई गई थी। खुशकिस्मती से गोली जीतराम मुंडा को नहीं लगी थी। गोली पिस्टल में फंस गई थी। गोली मिस हो जाने से जीत राम मुंडा उस वक्त बच गए थे। इस मामले में ओरमांझी थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी और उसके बाद गोली चलाने वाले को जेल भेजा गया था। आरोपी मनोज मुंडा ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी। इस मामले में वह जेल गया था। मनोज मुंडा को शक था कि जीतराम ने ही इस मामले में मुखबिरी करके उसे पकड़वाया है। तब से वह जीतराम से दुश्मनी पालने लगा था और उसे मारने की फिराक में था। लेकिन जब उसने गोली चलाई तो फायर मिस हो गया और जीतराम मुंडा बच गए थे। रामगढ़ के भुरकुंडा में रहते थे भाजपा नेता : जीतराम मुंडा दुश्मनी के चलते रामगढ़ के भुरकुंडा में पत्नी के साथ रहते थे। उनकी पत्नी गायत्री देवी सीसीएल में रजरप्पा प्रोजेक्ट में नौकरी करती हैं। वहां जीतराम के साथ उनकी पत्नी और तीन बच्चे भी वहां रहते थे। जीतराम के पिता झुवला मुंडा ओरमांझी के नजदीक पुनदाग गांव में रहते हैं। हत्या की घटना सुनने के बाद गायत्री देवी और परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल है। जीतराम के एक बेटा और दो बेटियां हैं। वह भी पापा को याद कर रो रही हैं। अर्जुन मुंडा समेत मेदांता अस्पताल पहुंचे कई भाजपा नेता : भाजपा नेता की हत्या की खबर सुनते ही केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा मेदांता अस्पताल पहुंचे। जीतराम मुंडा अर्जुन मुंडा के करीबी माने जाते थे। अर्जुन मुंडा ने वहां मौजूद लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली और घायल राज किशोर साहू से भी हत्यारों के बारे में जानकारी प्राप्त की। अर्जुन मुंडा के अलावा, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष गंगोत्री कुजूर, प्रदेश मंत्री सुबोध सिंह, एसटी मोर्चा के अशोक बड़ाईक, रांची ग्रामीण के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र महतो, खिजरी के पूर्व विधायक रामकुमार पाहन के अलावा पवन साहू, ललित ओझा, पूर्व सांसद रामटहल चौधरी आदि मेदांता अस्पताल पहुंचे और घटना की जानकारी ली। भाजपा नेता ने लाइसेंस के लिए दिया था आवेदन : भाजपा नेता जीतराम मुंडा ने हथियार के लाइसेंस के लिए डीसी कार्यालय में आवेदन दिया था। लेकिन उसका लाइसेंस का आवेदन स्वीकृत नहीं किया गया। भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर जीतराम मुंडा का लाइसेंस का आवेदन स्वीकृत कर लिया गया होता। तो घटना के समय जीतराम मुंडा अपना बचाव कर सकते थे।

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