Jharkhand: राजभवन के बचाव में आई भाजपा, कहा- संवैधानिक नियुक्ति राज्यपाल का विशेषाधिकार

Jharkhand Politics Hindi News भाजपा नेत्री गंगोत्री कुजूर ने कहा कि संवैधानिक नियुक्ति राज्यपाल का विशेषाधिकार है। टीएसी नियमावली संशोधन में झामुमो दिग्भ्रमित कर रहा है। संवैधानिक नियुक्तियों को सामान्य नियुक्तियों से जोड़ना झामुमो की अज्ञानता ही कहा जाएगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 07:41 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 07:45 PM (IST)
Jharkhand: राजभवन के बचाव में आई भाजपा, कहा- संवैधानिक नियुक्ति राज्यपाल का विशेषाधिकार
Jharkhand Politics, Hindi News भाजपा नेत्री गंगोत्री कुजूर ने कहा कि संवैधानिक नियुक्ति राज्यपाल का विशेषाधिकार है।

रांची, राज्य ब्यूरो। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष गंगोत्री कुजूर ने झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के उस बयान को दिग्भ्रमित करने वाला बताया है, जिसमें उन्होंने टीएसी नियमावली संशोधन में राज्यपाल की सहमति बताई है। उन्होंने कहा कि टीएसी नियुक्ति राज्यपाल का विशेषाधिकार है और झामुमो टीएसी नियमावली में संशोधन कर दिग्भ्रमित कर रहा है। झामुमो को बयानबाजी के पहले थोड़ी जानकारी भी प्राप्त कर लेनी चाहिए। टीएसी की नियुक्ति के लिए संविधान की पांचवीं अनुसूची में राज्यपाल को विशेषाधिकार प्राप्त है।

संवैधानिक नियुक्तियों को सामान्य नियुक्तियों से जोड़ना झामुमो की अज्ञानता ही कहा जाएगा। विभिन्न आयोग के अध्यक्षों की नियुक्ति, प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति, आयोग के सदस्यों की नियुक्ति आदि पद संवैधानिक पद हैं जिसे राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद ही अधिसूचना जारी किया जाता है। टीएसी कानून में संशोधन कर सरकार ने आदिवासी हित और समाज की सुरक्षा पर कुठाराघात किया है। सरकार के गलत निर्णय के कारण ही राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने राज्य सरकार को समन किया है।

2006 में छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने ऐसे ही बदली थी टीएसी नियमावली : कांग्रेस

कांग्रेस के कई आदिवासी विधायकों ने मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. रामेश्वर उरांव से मुलाकात कर टीएसी नियमावली में बदलाव को सही करार दिया है। विधायक बंधु तिर्की एवं अन्य विधायकों ने कहा कि 2006 में छत्तीसगढ़ में तत्कालीन भाजपा सरकार ने टीएसी में ऐसे ही संशोधन किए थे जिन्हें बाद में कोर्ट से भी स्वीकृति मिल गई। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, सांसद गीता कोड़ा, विधायक राजेश कच्छप, विधायक भूषण बाड़ा एवं विधायक सोनाराम सिंकू ने प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात कर राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर विचार विमर्श किया एवं अपनी भावना से भी अवगत कराया।

जमीन से संबंधित मामले, रूपा तिर्की की संदेहास्पद मृत्यु, किसानों का मामले और जेपीएससी के कारनामो में शामिल अधिकारियों को दंडित करने का सलाह विधायकों ने दी। सभी ने अध्यक्ष से आग्रह किया है समय-समय पर आदिवासी विधायको नेताओं से मिलकर राज्य के मामलों पर चर्चा होनी चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष से मिलने के बाद विधायक बंधु तिर्की ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा राज्यपाल को आगे कर भाजपा राजनीति कर रही है।

संघीय ढांचे पर प्रहार कराया जा रहा है और एक चुनी हुई सरकार को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है। सरकार शुरू से ही टीएसी गठन को लेकर प्रयासरत है। डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी भाजपा के किसी नेता के द्वारा टीएसी गठन को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया। सच्चाई यह है कि टीएसी का गठन नहीं होने से ट्राइबल सब-प्लान की राशि खर्च नहीं हुई।

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