गैर आदिवासी से शादी पर आरक्षण के लाभ से किया जाए वंचित
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने आदिवासी महिला की गैर आदिवासी से शादी होने पर उसे आरक्षण नहीं दिए जाने की मांग की
रांची : भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने आदिवासी महिला की गैर आदिवासी से शादी होने पर उसे और उसके परिवार को आरक्षण के लाभ से वंचित किए जाने की मांग उठाई है। बुधवार को एसटी मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक में सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर सहमति बनी। बैठक में धर्म परिवर्तन करने वालों को भी आरक्षण का लाभ न दिए जाने की बात उठाई गई।
मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामकुमार पाहन की अध्यक्षता में प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में स्पष्ट कहा गया कि जो आदिवासी महिला किसी गैर आदिवासी से शादी करती है तो उसे या उससे उत्पन्न संतान को अनुसूचित जनजाति के तहत मिलने वाले आरक्षण के लाभ से वंचित किया जाए। जो आदिवासी दूसरे धर्म में परिवर्तित हो चुके हैं उन्हें भी अनुसूचित जनजाति के तहत मिलने वाले आरक्षण का लाभ नहीं मिले। मोर्चा अध्यक्ष रामकुमार पाहन ने कहा कि पिछले 70 वर्षों से काग्रेस, झामुमो या अन्य दलों ने आदिवासी समाज के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठाई। ये दल सिर्फ मौन रहे। इन दलों ने सिर्फ आदिवासी समाज को ठगने का काम किया। भाजपा सरकार ने आदिवासी समाज की धर्म-संस्कृति, रूढि़वादी परंपरा को बचाने के लिए कई निर्णय लिए हैं।
विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि गैर आदिवासी पुरुष आदिवासी महिलाओं को धोखे में रखकर उनसे शादी करके उनकी जमीन एवं आरक्षण का लाभ उठाते हैं। यह सिर्फ धर्म परिवर्तन का मामला नहीं बनता है बल्कि यह घोर अपराध की श्रेणी में आता है। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने अपने कार्यो से एक अलग पहचान बनाई है। मोर्चा आदिवासी समाज को जगाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बैठक में 10 दिनों के भीतर सभी जिलों में कार्यसमिति बैठक करने का निर्णय लिया गया। बैठक में अशोक बड़ाईक, बिंदेश्वर उरांव, लखन मार्डी, अशेष बारला, अनु लकड़ा, देवीदयाल मुंडा, अवधेश सिंह चेरो, विशु टुडू, सुरेश मुर्मू, साहेब हासदा, गीता बुलमुचू, सुमन कच्छप, रमेश टुडू, नकुल तिर्की, शाति टोप्पो सहित सभी जिलों के मोर्चा अध्यक्ष उपस्थित थे।