Ranchi Airport: आज फिर 12 फ्लाइटें कैंसिल, रांची से दिल्‍ली, मुंबई, चेन्‍नई की उड़ानें बंद...

Ranchi Airport रांची एयरपोर्ट से यात्रियों की आवाजाही धीरे-धीरे कम होती जा रही है। गुरुवार को रांची एयरपोर्ट से महज 1177 लोगों ने आवागमन किया। यात्रियों की संख्या कम होने की वजह से 12 फ्लाइट रद्द करनी पड़ी। इससे कई यात्रियों को दिक्कत का भी सामना करना पड़ा।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 02:24 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 05:53 AM (IST)
Ranchi Airport: आज फिर 12 फ्लाइटें कैंसिल, रांची से दिल्‍ली, मुंबई, चेन्‍नई की उड़ानें बंद...
Ranchi Airport: रांची एयरपोर्ट से यात्री कम होने की वजह से 12 उड़ानें कैंसिल करनी पड़ी।

रांची, जासं। Ranchi Airport रांची एयरपोर्ट से यात्रियों की आवाजाही धीरे-धीरे कम होती जा रही है। गुरुवार को रांची एयरपोर्ट से महज 1177 लोगों ने आवागमन किया। यात्रियों की संख्या कम होने की वजह से 12 फ्लाइट रद्द करनी पड़ी। इससे कई यात्रियों को दिक्कत का भी सामना करना पड़ा। हालांकि उन्हें दूसरी फ्लाइट से उनके गंतव्य तक भेजा गया। गुरुवार को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, पटना और बेंगलुरु से सिर्फ 826 यात्री ही आए और इन शहरों को रांची से 351 यात्री गए। इस वजह से दिल्ली और मुंबई की कई फ्लाइट रद्द करनी पड़ी। दिल्ली की दो और मुंबई की दो फ्लाइट ही गई हैं। चेन्नई और अहमदाबाद की फ्लाइट भी रद्द करनी पड़ी।

अंतरराज्यीय बसों का परिचालन 16 मई से बंद होने की घोषणा के बाद परिवहन उद्योग में चिंता

झारखंड सरकार द्वारा 16-27 मई तक राज्य में बसों का परिचालन बंद करने की घोषणा करने के बाद से परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोग चिंतित हैं। राजधानी रांची के खादगढ़ा स्थित बिरसा मुंडा बस टर्मिनल से रोजाना 300-400 बसों का परिचालन झारखंड के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा एवं छत्तीसगढ़ राज्यों के लिए होता था। लेकिन कोरोना के चलते जारी स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू होने के बाद से इन राज्यों को जाने वाली बसों के परिचालन में 80-90 फीसदी की कमी आई है।

इन दिनों जिन बसों का परिचालन हो भी रहा है, तो उनमें भी यात्रियों की संख्या आधी से कम ही रहती है।कभी सुबह से देर रात तक गुलजार रहने वाले इस अंतरराज्यीय बस अड्डे पर गुरुवार को बसें तो कई खड़ी दिखीं, लेकिन उनमें यात्रा करने वाले लोगों की संख्या उंगलियों पर गिनी जा सकती थी। देश में बढ़ते कोरोना के प्रकोप के कारण लोग अब स्वयं बसों से यात्रा करने से कतराने लगे हैं। इधर, इस दौरान बस टर्मिनल से घोषणा कर यात्रियों को लगातार सचेत किया जाता रहा कि वे यात्रा के दौरान मास्क पहन कर शारीरिक दूरी का पालन करते रहें और समय-समय पर हाथों को सैनिटाइज करते रहें। इससे वह भी सुरक्षित रहेंगे और उनकी वजह से सहयात्रियों को भी कोई परेशानी न उठानी पड़ेगी।

परिवहन व्यवसाय से जुड़े मो. अशरफ ने कहा कि पता चला है कि सरकार द्वारा 16 मई से अंतरराज्यीय बसों के साथ ही स्थानीय बसों का परिचालन बंद करने की घोषणा की गई है। इसे 27 मई तक लागू किया गया है। इससे परिवहन व्यवसाय पर और भी असर पड़ेगा। क्योंकि पिछले साल जब कोरोना ने पहली बार देश में दस्तक दी थी। तो देश में लाकडाउन लागू किए जाने की वजह से कई महीनों तक परिवहन व्यवसाय बंद रहा था। लाकडाउन खुलने के बाद पिछले तीन-चार महीने से पुरानी स्थिति लौटने लगी थी।

लेकिन अब कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर की वजह से सरकार को दोबारा लाकडाउन लागू करना पड़ रहा है। इसमें 16 मई से और भी सख्ती का फैसला लिया है। गफ्फार हुसैन ने कहा कि जनहित में सरकार का यह फैसला सर्वथा उचित है। लेकिन इस फैसले से परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों पर अच्छा-खासा फर्क पड़ेगा। बस मालिक पुतुल चंद्र ने कहा कि उम्मीद है कि दो सप्ताह के लाकडाउन के बाद स्थिति में सुधार आने के बाद सरकार परिवहन उद्योग को कुछ ढील दे। ताकि इस व्यवसाय से जुड़े हजारों लोगों पर रोजी रोटी का जो संकट छाया है, वह छंटेगा। 

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