Biotech Farmer Hub Project: रांची और हजारीबाग के किसानों के बीच बांटे गए पॉल्ट्री बर्ड व मशरूम स्पॉन
Biotech Farmer Hub Project बायोटेक किसान हब परियोजना(Biotech Farmer Hub Project) किसानों की आमदनी बढ़ाने का जरिया बन चुका है। किसानों(Farmers) को जहां धान के साथ साथ मशरूम पालन(Mushroom Farming) की नई तकनीक की जानकारी दी गई वहीं दूसरी ओर मशरूम का स्पॉन(Mushroom Spawn) भी बांटा गया।
रांची (जासं)। Biotech Farmer Hub Project: बायोटेक किसान हब परियोजना(Biotech Farmer Hub Project) किसानों की आमदनी बढ़ाने का जरिया बन चुका है। गत दिनों किसानों(Farmers) को जहां धान के साथ साथ मशरूम पालन(Mushroom Farming) की नई तकनीक की जानकारी दी गई वहीं दूसरी ओर रांची(Ranchi) और हजारीबाग(Hazaribagh) में करीब 105 किसानों के बीच मशरूम का स्पॉन(Mushroom Spawn) बांटा गया।
गुरूवार को वैज्ञानिक तरीके से बैक यार्ड पॉल्ट्री बर्ड(Back Yard Poultry Bird) की देखभाल, पालन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बायोटेक किसान हब परियोजना के तहत किया गया। जिसमें रांची व आसपास के जिलों के किसानों को बैक यार्ड पॉल्ट्री की जानकारी दी गई।
तीन गावों गोंदवार, परबाद, चिचिखुर्द में करीब 110 किसानों को पॉल्ट्री बर्ड किया गया वितरित:
बायोटेक किसान हब परियोजना अंतर्गत आईसीएआर-सीआरयूआरआरएस के सहयोग से रांची के मोरहाबादी, तमाड़ समेत अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के साथ साथ हजारीबाग जिले के चुरचू प्रखंड के तीन गावों गोंदवार, परबाद, चिचिखुर्द में करीब 110 किसानों को (अति पिछड़े वर्ग) पॉल्ट्री बर्ड (चूजा) संस्थान के वैज्ञानिक डा बीसी वर्मा एवं पंकज कुमार सिंह के द्वारा वितरित किया गया।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण किसानों को बैक यार्ड पॉल्ट्री पालन की वैज्ञानिक विधि का प्रशिक्षण सह चूजा वितरण किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को विशेषकर महिला किसानों की आजीविका सुढृढ़ करने का लक्ष्य रखा गया है।