झारखंड में चोर दरवाजे से घुस रहीं बिहार की बसें, प्रतिबंध के बाद भी हो रहा यात्री वाहनों का परिचालन

Jharkhand Lockdown News गया डोभी चतरा बालूमाथ मांडर के रास्ते रांची में रिंग रोड तक बसें पहुंच जा रही है। प्रतिबंध के बावजूद हर दिन कुछ बसों का परिचालन हो रहा है। बिहार से रांची आने वाले यात्रियों से प्रति यात्री 1300 से 1500 रुपये का किराया ले रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 12:20 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 02:02 PM (IST)
झारखंड में चोर दरवाजे से घुस रहीं बिहार की बसें, प्रतिबंध के बाद भी हो रहा यात्री वाहनों का परिचालन
Jharkhand Lockdown News गया, डोभी, चतरा, बालूमाथ, मांडर के रास्ते रांची में रिंग रोड तक बसें पहुंच जा रही है।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में लागू लॉकडाउन में बस परिचालन पर पूरी तरह प्रतिबंध है, इसके बावजूद यहां चोर दरवाजे से बिहार की बसें आ रही हैं और यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रही है। इनका रूट भी तय है और चेक-पोस्ट भी सेट है, जो इन्हें रोक-टोक नहीं कर रहा है। ये बसें चोरी छिपे बिहार से गया के रास्ते डोभी होते हुए चतरा पहुंचती हैं और चतरा से बालूमाथ के रास्ते रांची में प्रवेश कर रही हैं। दिन में बसें या तो मांडर के आसपास के इलाके, टांगरबसली व रिंग रोड के आसपास खड़ी रहती हैं और वहीं से फिर उसी रास्ते से बिहार चली जाती हैं।

जानकारी मिली है कि अभी बिहार से आने वाली बसों में सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग के यात्री शामिल हैं। बस संचालक उत्तर बिहार से रांची आने वाले यात्रियों से प्रति यात्री 1300 से 1500 रुपये का किराया ले रहे हैं। सिवान-छपरा की बसों से आने वाले कुछ मजदूरों ने बताया कि वे वहां ईंट-भट्ठों पर काम करते थे। बरसात में ईंट-भट्ठे पर काम नहीं रहता है, इसलिए बरसात भर वापस अपने गांव आ जाते हैं और यहीं पर खेती-बारी भी करते हैं। 

टॉल प्लाजा के पैसे व बड़े चेक पोस्ट से भी बच रही बसें

रांची से पटना जाने में कोडरमा या गया रूट से जाएं तो तीन टोल प्लाजा तो मिलते ही हैं। गया रूट में ओरमांझी, हजारीबाग व चौपारण के पास टोल प्लाजा है तो कोडरमा रूट में ओरमांझी, हजारीबाग व पटना के पास है। बिहार की बसें गया रूट से आती हैं, लेकिन डोभी के पास ही चतरा रूट से बालूमाथ होकर रांची आ रही हैं। इस रूट में गहन चेकिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। कुछ बस के कर्मियों ने बताया कि जहां उन्हें पुलिस रोकती है, वहां उनका रेट तय है। 1000 से 1500 रुपये में एक चेकपोस्ट तय है। रुपये थमाते ही आगे बढ़ने की अनुमति मिल जाती है।

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