Bihar Election 2020: झारखंड में दोस्ती, बिहार में दुश्मनी! महागठबंधन में भी सियासी दांव शुरू

Bihar Elections 2020 बिहार में गठबंधन दलों के बीच बेहतर तालमेल नहीं बन पा रहा है। जबकि झारखंड में झामुमो कांग्रेस और राजद एक साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 08:27 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 05:55 AM (IST)
Bihar Election 2020: झारखंड में दोस्ती, बिहार में दुश्मनी! महागठबंधन में भी सियासी दांव शुरू
Bihar Election 2020: झारखंड में दोस्ती, बिहार में दुश्मनी! महागठबंधन में भी सियासी दांव शुरू

रांची, राज्य ब्यूरो। Bihar Assembly Election 2020 झारखंड में भाजपा विरोधी दलों के बीच का सियासी गठबंधन बिहार विधानसभा चुनाव में फिलहाल धरातल पर उतरता नहीं दिख रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के संयुक्त गठबंधन ने झारखंड में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को परास्त पर सत्ता पर काबिज होने में कामयाबी पाई, लेकिन यह तालमेल बिहार विधानसभा चुनाव में टूट सकता है।

यूपीए गठबंधन में झामुमो ने बिहार में 12 सीटों पर दावेदारी कर रखी है। गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा की बिहार राज्य कमेटी ने मुख्यमंत्री सह झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से मुलाकात कर रणनीति तैयार की। हालांकि बिहार में झामुमो को राजद बहुत भाव देने के मूड में नहीं है, लेकिन रणनीतिकारों को भरोसा है कि गठबंधन पर सहमति बन जाएगी। झामुमो ने ऐसा नहीं होने की स्थिति में अपने बूते भी चुनाव में उतरने की तैयारी कर रखी है।

दरअसल झारखंड से सटे बिहार के सीमावर्ती इलाकों में झामुमो की सक्रियता और जनाधार है। 2005 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने चकाई सीट पर जीत हासिल की थी। झारखंड के अलावा झामुमो का पश्चिम बंगाल और ओडि़शा में भी आंशिक प्रभाव है। झारखंड के बाहर संगठन का विस्तार कर झामुमो इन राज्यों में भी क्षेत्रीय दल का दर्जा हासिल करना चाहती है। पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू की आपत्ति के बाद चुनाव आयोग ने झामुमो का चुनाव चिन्ह तीर-धनुष जब्त कर लिया था। झामुमो ने इसपर फिर से दावा करते हुए चुनाव आयोग में गुहार लगाई है। 

झामुमो को भरोसा, राजद के नेतृत्व में बनेगा गठबंधन

बिहार में विपक्षी दलों के बीच गठबंधन को लेकर चल रही जिच के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा को उम्मीद है कि राजद संग उसका गठबंधन होगा। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया कि राजद से कई स्तरों पर बातचीत भी चल रही है। यह भी कहा कि गठबंधन की बातें होती हैं तो खींचतान भी होती है। झारखंड में भी सभी 81 सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा चुनाव लडऩा चाहती थी, लेकिन जब गठबंधन का फैसला हुआ तो तालमेल कर चुनाव लड़ा गया।

बिहार में जिन सीटों पर झामुमो को फोकस करना है, उसकी सूची सौंप दी गई है। इसमें तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैैंती और चकाई विधानसभा शामिल है। यह महीना बिहार चुनाव की रणनीति और तैयारियों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। अगस्त माह से बिहार में झामुमो का चुनावी अभियान आरंभ होगा। वरीय नेता जहां बिहार में कैंप करेंगे वहीं झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन चुनाव प्रचार करेंगे।

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