अब निश्चिंत होकर खाएं चिकन और अंडे, झारखंड में बर्ड फ्लू का एक भी मामला नहीं
Jharkhand News इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हेल्थ एंड वेटनरी बायोलाजिकल के कोलकाता स्थित रीजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लैब की जांच रिपोर्ट सामने आई। राज्य के अलग-अलग जिलों से 4957 सैंपल भेजे गए थे। किसी में भी वायरल के संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई।
रांची, [ब्रजेश मिश्र]। Bird Flu in Jharkhand कोरोना महामारी का सामना कर रहे झारखंड के लिए राहत भरी खबर है। झारखंड के किसी भी जिले में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है। इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हेल्थ एंड वेटनरी बायोलाॅजिकल के कोलकाता स्थित रीजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लैब की जांच रिपोर्ट में यह रिपोर्ट सामने आए हैं। सरकार के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाले पशुपालन निदेशालय की तरफ से राज्य के अलग-अलग जिलों से कुल 4957 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इन सभी सैंपल की जांच रिपोर्ट आ गई है।
भेजे गए सैंपल में राज्य भर में मरे पाए गए कौओं के सैंपल के साथ-साथ सिरम शामिल था। जांच में पता चला कि इनमें से किसी भी सैंपल में किसी तरह के वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। दरअसल जनवरी व फरवरी के महीने में राजधानी रांची सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में मरे हुए कौए दिख रहे थे। इसी बीच देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू फैलने की पुष्टि हो गई। आनन-फानन में राज्य में मरने वाले पक्षियों सहित पोल्ट्री में रखे गए मुर्गे का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग तथा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने राहत की सांस ली है।
कौओं की मौत पर से उठा पर्दा
राजधानी रांची के विधानसभा भवन सहित विभिन्न हिस्सों में मरे हुए अवस्था में पाए गए कौओं के संक्रामक बीमारी से ग्रसित होने के रहस्य से पर्दा उठ गया है। पता चला है कि जांच के लिए भेजे गए सभी कौए या तो अपनी स्वाभाविक मौत से मरे हैं अथवा विद्युत आघात के शिकार हो गए हैं। इनमें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं मिली है। जांच रिपोर्ट आने के बाद चिकन खाने के शौकीन लोग निश्चिंत होकर इसका उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए बस इन्हें ठीक से पकाना जरूरी है।
इस खबर से चिकन व अंडे के व्यापार पर पड़े प्रतिकूल असर को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी। पोल्ट्री उद्योग से जुड़े लोगों के लिए भी यह फायदेमंद साबित होगा। देश के दूसरे राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले बढ़ने के बाद पशुपालन विभाग की ओर से इसके प्रति सावधानी को लेकर एडवाइजरी जारी की गई थी। इसमें लोगों को डरने की बजाए सतर्क रहने के लिए कहा गया था।
'निश्चित रूप से या बेहद राहत भरी खबर है। कोरोना संक्रमण के बीच अगर एक और बीमारी ने दस्तक दी होती तो हालात बेकाबू हो सकते थे। जांच के लिए भेजे गए सैंपल में किसी तरह के कोई संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। कौओं की मौत स्वाभाविक हुई थी।' -विपिन मेहता, एलआरएस डायरेक्टर, आइएएचपी, कांके।