बेतला, नेतरहाट, पतरातू घाटी..पर्यटकों की पहली पसंद

प्राकृतिक सौंदर्य एवं आकर्षक जलप्रपातों के लिए प्रसिद्ध झारखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल अब गुलजार होने को है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 08:30 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 08:30 AM (IST)
बेतला, नेतरहाट, पतरातू घाटी..पर्यटकों की पहली पसंद
बेतला, नेतरहाट, पतरातू घाटी..पर्यटकों की पहली पसंद

जासं, रांची : प्राकृतिक सौंदर्य एवं आकर्षक जलप्रपातों के लिए प्रसिद्ध झारखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल एक बार फिर से पर्यटकों से गुजलार होने लगे हैं। कोविड की वजह से भी पर्यटक घरेलू पर्यटक स्थलों को ही प्राथमिकता दे रहे हैं। इसलिए पर्यटकों की पहली पसंद बेतला, नेतरहाट व पतरातू घाटी है।

टूर ऑपरेटर्स के अनुसार, प्राकृतिक सौंदर्य एवं वाटर फॉल्स की अधिकता के कारण झारखंड के लगभग सभी स्थानों पर लोग भ्रमण करते हैं। लेकिन पर्यटकों का सबसे अधिक आगमन बेतला राष्ट्रीय उद्यान, नेतरहाट और पतरातू घाटी में होता है। एक ओर जहां बेतला राष्ट्रीय उद्यान अपनी खूबसूरती एवं जंगली हाथियों के लिए सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करता है। वहीं, सनराइज और सनसेट प्वांइट का आकर्षण पर्यटकों को लातेहार जिले में स्थित नेतरहाट खींचकर ले आता है। इधर, रामगढ़ जिले में स्थित पतरातू खूबसूरत घाटी के तौर पर जानी जाती है। हरे-भरे जंगलों से घिरा यह पहाड़ी स्थल घुमावदार सड़कों की वजह से भी आकर्षण का केंद्र है।

दरअसल, कोरोना संक्रमण की पहली लहर में मार्च, 2020 से देश में लागू किए गए लॉकडाउन में पर्यटन उद्योग उन क्षेत्रों में शामिल रहा, जिस पर इसका सबसे ज्यादा और लंबे समय तक असर रहा। अक्टूबर, 2020 में प्रथम लहर का असर कम पड़ने पर सरकार द्वारा कुछ छूट मिलने से लोग अभी पर्यटन की तैयारी कर ही रहे थे कि दूसरी लहर ने सभी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। लॉकडाउन के दौरान होटल तो बंद ही रहे। वहीं ट्रेन और हवाई सेवा भी प्रभावित रही। लोग कोरोना के भय से पर्यटन के लिए भी निकलने से बचते रहे। इस वजह से राज्य के पर्यटन उद्योग को 50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि इस वर्ष त्योहारी सीजन में राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त छूट देने से टूर ऑपरेटर्स विगत दो साल की तुलना में बेहतर कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन उनका यह भी कहना है कि एक सीजन से नुकसान की भरपाई तो नहीं होगी। लेकिन पर्यटकों के आगमन से सुकून मिला है। बेतला, नेतरहाट, पतरातू आदि पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के लिए बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, दिल्ली सहित आसपास के अन्य राज्यों से पर्यटकों का आगमन शुरू हो गया है। 24 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच ज्यादा भीड़ बढ़ने की संभावना

: 24 दिसंबर से 15 जनवरी के मध्य ज्यादा भीड़ बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही। बुकिग स्टेटस को देखते हुए ऑपरेटर्स जनवरी तक इन राज्यों से लगभग 50 हजार पर्यटकों के आगमन की उम्मीद व्यक्त कर रहे हैं। करीब होने के कारण सबसे अधिक बंगाल से लोग आ रहे हैं। वहीं, इस सीजन में 200 से अधिक छोटे-बड़े वाहन प्रतिदिन सर्विस दे रहे हैं। टूर ऑपरेटर्स भी औसतन एक व्यक्ति का एक दिन का कम से कम 1500 रुपये चार्ज कर रहे हैं। इन स्थलों पर भी आते हैं पर्यटक : रांची स्थित रुक्का डैम, बुंडू के दशम फॉल, जोन्हा फॉल, हजारीबाग स्थित नेशनल पार्क, कैनरी हिल, खूंटी के पास स्थित हिरनी वॉटर फॉल, पंचघाग वॉटर फॉल, नेतरहाट से 10 किमी की दूरी पर स्थित महुवाटांड़ बूढ़ाघाट वाटर फॉल, कोडरमा स्थित तिलैया डैम आदि पर्यटन स्थलों पर भी अन्य राज्यों से पर्यटक घूमने के लिए आ रहे हैं। जिससे ये स्थल भी धीरे-धीरे गुलजार हो रहे हैं। दुर्गापूजा के बाद से बंगाल सहित अन्य राज्यों से पर्यटकों का आगमन शुरू हो गया है। जनवरी तक पर्यटकों का आगमन होता रहेगा। जिससे विगत दो साल की तुलना मे बेहतर कारोबार की उम्मीद है।

- अमरदीप सहाय, अध्यक्ष, टूर एंड ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ झारखंड, रांची। बाहरी राज्यों के लोग प्रतिदिन इंक्वायरी कर रहे हैं। बुकिग भी जारी है। लोग बेतला, पतरातू और नेतरहाट के लिए सबसे अधिक पूछताछ कर रहे हैं। बंगाल से सबसे अधिक लोग घूमने के लिए आ रहे हैं।

- कुमुद कुमार, टूर ऑपरेटर, रांची।

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