संस्कार एवं अच्छी बातें सीखकर बनें जिम्मेदार नागरिक : प्राचार्या

दैनिक जागरण के संस्कारशाला अभियान के क्रम में बुधवार को हटिया सिंह मोड़ स्थित रेज एकेडमी में कार्यक्रम हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 07:59 AM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 07:59 AM (IST)
संस्कार एवं अच्छी बातें सीखकर बनें जिम्मेदार नागरिक : प्राचार्या
संस्कार एवं अच्छी बातें सीखकर बनें जिम्मेदार नागरिक : प्राचार्या

जासं, रांची : दैनिक जागरण के संस्कारशाला अभियान के क्रम में बुधवार को हटिया सिंह मोड़ स्थित रेज एकेडमी स्कूल परिसर में विद्यार्थियों के लिए 'सामाजिक एकता और समरसता' विषय पर संस्कारशाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान 10वीं कक्षा की छात्रा खुशी सिंह ने वहां उपस्थित शिक्षिकाओं एवं सहपाठियों को दैनिक जागरण के बुधवार के अंक में प्रकाशित कहानी 'मद्रासी मसाला डोसा' पढ़कर सुनाई। कार्यक्रम में रेज एकेडमी स्कूल के निदेशक विजय कुमार शर्मा, प्राचार्या रीता विश्व सहित शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्राचार्या रीता विश्वा ने कहानी के आधार पर सामाजिक एकता और समरसता पर प्रकाश डालते हुए बच्चों से कहा कि अच्छा नागरिक बनना आसान नहीं है। सुसंस्कार एवं अच्छी बातों से हम अच्छा एवं जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं। इसलिए हमें सभी को समान ²ष्टि से देखना चाहिए। प्राचार्या ने कहा कि बच्चों में संस्कार की शुरुआत परिवार से होती है। परिवार में माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी आदि से बच्चे अच्छी बातें और संस्कार सीखते हैं। उसके बाद विद्यालय में शिक्षक-शिक्षिकाओं से उन्हें संस्कार की सीख दी जाती है। संस्कार हमें दूसरों के प्रति कैसा व्यवहार करना चाहिए, इसकी समझ प्रदान करता है। उन्होंने बच्चों से कहा कि आप कल बड़े होकर देश एवं समाज के विकास में अहम योगदान देंगे, तो सिर्फ अच्छी बातें सीखें। उन्होंने कहा अगर कोई व्यक्ति रास्ते में गिर जाता है और हम उसे उठाते हुए मदद करते हैं, तो यही संस्कार है। छोटी-छोटी अच्छी एवं सकारात्मक बातें सीखकर हम समाज में शिखर पर जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि समरसता का अर्थ सबको एकसाथ लेकर चलना है। सब में एक ही भाव होता है। यहां तक कि जानवरों में भी भाव होता है। अगर आप किसी कुत्ते को पत्थर मारेंगे, तो वह आपको काटने के लिए दौड़ेगा। वहीं, अगर आप उसे स्नेह देंगे, तो वह आपके आगे-पीछे घुमेगा। इसलिए किसी को कष्ट देने के स्थान पर उसके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। सभी जीवों की हरसंभव मदद करनी चाहिए।

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बुजुर्गों का आदर-सम्मान करें : शिक्षिका

शिक्षिका इंदु तिर्की ने कहा कि संस्कार की शुरुआत घर से होती है और उसके बाद स्कूल से अच्छे संस्कार मिलते हैं। शिक्षा प्राप्त कर विद्यार्थी जीवनपथ पर आगे बढ़ते हैं और अपने लिए नया मुकाम स्थापित करते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में लोग बुजुर्गों का आदर-सम्मान करना भूल गए हैं। घर में अगर कोई बुजुर्ग है, तो लोगों के पास उनके लिए समय नहीं है। ऐसे में वे स्वयं को अकेला महसूस करने लगते हैं। कहीं-कहीं तो लोग उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ आते हैं। ये बिल्कुल गलत है। हमें अपने बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए। उन्हें आदर-सम्मान देना चाहिए। वहीं, समाचार पत्र की महत्ता पर उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को प्रतिदिन समाचार पत्र अवश्य पढ़ना चाहिए, क्योंकि समाचार पत्र में देश-दुनिया की खबरों के साथ अच्छी बातें भी होती हैं, जो हमारे लिए उपयोगी हैं।

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दैनिक जागरण का प्रयास अनुकरणीय : निदेशक

स्कूल के निदेशक विजय कुमार शर्मा ने संस्कारशाला कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाने के उद्देश्य से लोकप्रिय समाचार पत्र दैनिक जागरण द्वारा शुरू किया गया यह प्रयास अनुकरणीय है। उम्मीद है यह क्रम आगे भी चलता रहेगा।

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ये कहा विद्यार्थियों ने

कहानी के माध्यम से हमें यह सीख मिली है कि हमें किसी का मजाक नहीं बनाना चाहिए। सभी से आदर-सम्मान के साथ मिलना चाहिए। एक-दूसरे की मदद करते हुए देश और समाज के विकास में योगदान देना एक अच्छे विद्यार्थी का कर्तव्य है।

- खुशी सिंह, छात्रा, 10वीं कक्षा।

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हमें किसी को भी छोटा नहीं समझना चाहिए। अगर कोई मुसीबत में है, तो उसकी हरसंभव मदद करनी चाहिए। सभी के साथ आदर-सम्मान के साथ पेश आना चाहिए। देश एवं समाज के विकास के लिए हमेशा अच्छे कर्म करने की जरूरत है।

- सुष्मिता बाउरी, छात्रा, 10वीं कक्षा।

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हमें एक-दूसरे की हरसंभव मदद करनी चाहिए। अगर कभी कोई भटका हुए मिल जाए, तो यथासंभव उसे उसके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था अवश्य करनी चाहिए। सभी लोगों के साथ हमारा व्यवहार भी अच्छा होना चाहिए। तभी हम अच्छे नागरिक बन सकते हैं।

- तालिब अंसारी, छात्र, सातवीं कक्षा।

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किसी व्यक्ति का व्यवहार उसके संस्कार से ही पता चलता है। इसलिए हर व्यक्ति को एक-दूसरे के साथ अच्छे से पेश आना चाहिए। अच्छा व्यवहार करने से लोग हमें पसंद करेंगे और जरूरत पड़ने पर हमारी मदद अवश्य करेंगे।

- मंजीता लकड़ा, छात्रा, 9वीं कक्षा

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हम सभी को सबसे पहला संस्कार घर-परिवार से मिलता है। घर में माता-पिता, दादा-दादी सहित अन्य सदस्य हमें अच्छी बातों का ज्ञान देते हैं, तो स्कूल में शिक्षक-शिक्षिकाएं नैतिक शिक्षा प्रदान कर हमें अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं। हमें सब के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।

- नूर फातिमा, छात्रा, 9वीं कक्षा

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हमें अच्छे लोगों से मित्रता करनी चाहिए। ताकि हम अपने दोस्तों से भी अच्छी बातें सीख सकें। वहीं, जो गलत राह पर चल पड़ते हैं, उन्हें भी सही राह पर लाने का पूरा प्रयास करना चाहिए। अगर हम एक-दूसरे की मदद करेंगे, तो देश और समाज आगे बढ़ेगा।

- पीयूष कुमार, छात्र, 8वीं कक्षा।

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