Jharkhand: बीसीआइ ने फिर बढ़ाई राज्य के अधिवक्ताओं को ब्योरा देने की तिथि

राज्य के अधिवक्ताओं को ब्योरा देने की तिथि एक बार फिर बढ़ा दी गई है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसकी अवधि 15 नवंबर तक बढ़ा दी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश के अधिवक्ताओं से जुड़ी सारी जानकारी मांगी है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल....

By Vikram GiriEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 03:05 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 03:05 PM (IST)
Jharkhand: बीसीआइ ने फिर बढ़ाई राज्य के अधिवक्ताओं को ब्योरा देने की तिथि
बीसीआइ ने फिर बढ़ाई राज्य के अधिवक्ताओं को ब्योरा देने की तिथि। फाइल फोटो

रांची (राज्य ब्यूरो) । राज्य के अधिवक्ताओं को ब्योरा देने की तिथि एक बार फिर बढ़ा दी गई है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसकी अवधि 15 नवंबर तक बढ़ा दी है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश के अधिवक्ताओं से जुड़ी सारी जानकारी मांगी है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को निर्देश दिया है। इसके बाद बीसीआइ ने राज्य स्टेट बार काउंसिल और जिला बार संघों को पत्र लिखकर उनसे जुड़े अधिवक्ताओं की पूरी जानकारी मांगी है। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान अधिवक्ताओं की स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश के अधिवक्ताओं की जानकारी मांगी है, ताकि आनलाइन सुनवाई की प्रक्रिया अपनाई जाती है, तो सभी को मेल या फोन नंबर पर उनके केस के बारे में सटीक जानकारी भेजी जा सके।

अधिवक्ताओं से उनका वाट्सएप नंबर, ईमेल आइडी, कार्यालय का पता व इनरोल नंबर सहित सारी जानकारी देनी है। इसके लिए बीसीआइ की ओर से एक निर्धारित प्रपत्र भी जारी किया गया है। पिछले दिनों कई अधिवक्ताओं ने निर्धारित प्रपत्र में जानकारी नहीं दी थी, इसके बाद उन्हेंं फिर से पूरा ब्योरा प्रपत्र में भरकर भेजने को कहा गया है। हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव नवीन कुमार ने बताया कि एडवोकेट एसोसिएशन में पांच हजार अधिवक्ता सदस्य हैं। अभी तक करीब दो हजार अधिवक्ताओं का ही ब्योरा मिल पाया है। उनका प्रयास है कि सभी अधिवक्ताओं से जुड़ी जानकारी बीसीआइ को दी जाए।

इसके लिए उन्होंने एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं से अपील की है कि वे सभी 15 नवंबर तक अपनी सारी जानकारी उपलब्ध करा दें, ताकि उसे बीसीआइ को भेजा जा सके। बता दें कि राज्य में कुल 30 हजार अधिवक्ता हैं। इसके लिए स्टेट बार काउंसिल व जिला बार संघ अपनी-अपनी ओर से जानकारी जुटा रहे हैं। स्टेट बार काउंसिल की ओर से अधिवक्ताओं के बारे में पहले से उपलब्ध जानकारी को बीसीआइ को भेजा जा चुका है।

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