बीएयू कुलपति ने अरहर शोध प्रक्षेत्रों का निरीक्षण किया
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आइसीएआर की अखिल भारतीय समन्वित अरहर शोध परियोजा का निरीक्षण बीएयू के कुलपति ने किया।
जासं, रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आइसीएआर की अखिल भारतीय समन्वित अरहर शोध परियोजना के तहत शोध प्रक्षेत्रों तथा किसानों के खेतों में अरहर पर व्यापक अनुसंधान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसे लेकर बीएयू के कुलपति डा ओंकार नाथ सिंह ने अरहर फसल शोध से जुड़े विज्ञानियों के साथ शोध प्रक्षेत्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पौधा प्रजनक, शस्य, कीट, पौधा रोग तथा जैव प्रौद्योगिकी विज्ञानियों द्वारा करीब दो हेक्टेयर भूमि में लगाये गए प्रक्षेत्र शोध का बारीकी से अध्ययन किया। स्टेशन ट्रायल, मल्टीलोकेशनल ट्रायल व आइसीएआर ट्रायल को देखा। निरीक्षण के दौरान कुलपति ने शोध कार्यक्रमों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जरूरी मार्गदर्शन दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अरहर प्रमुख दलहनी फसलों में से एक है। प्रदेश की कृषि पारिस्थिकी के मद्देनजर कम अवधि व अधिक उत्पादन वाली तथा कीट व रोग रोधी किस्मों के विकास पर विशेष रूप से शोध करना चाहिए। कुलपति ने विज्ञानियों को 120-130 दिनों की अवधि वाली उन्नत किस्मों के विकास पर बल दिया, ताकि प्रदेश के किसान रबी फसलों की खेती का लाभ ले सकें। उन्होंने अधिक उत्पादन के लिए 170-190 दिनों वाली किस्मों के विकास को प्राथमिकता देने के लिए कहा। उन्होंने अरहर के उकठा एवं बांझपन रोग तथा फली छेदक कीट पर गहन अनुसंधान को प्रभावी तरीके से प्रक्षेत्र में कार्यान्वित करने का भी निर्देश दिया।
--------- बीएयू विज्ञानियों ने क्षेत्रीय अनुसंधान एवं परामर्श समिति की बैठक में लिया हिस्सा
जासं, रांची : बीएयू डायरेक्टर रिसर्च डा. अब्दुल वदूद के नेतृत्व में कृषि विज्ञानियों के दल ने चियांकी में आयोजित क्षेत्रीय अनुसंधान एवं परामर्श समिति की बैठक में भाग लिया। क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र में आयोजित इस बैठक में डा. अखिलेश कुमार, डा. शैलेंद्र मोहन, डा. नरगिस कुमारी, डा. मिटू जाब, डा. अखलाख अहमद, डा. अब्दुल माजिद अंसारी, डा. नजरुल इस्लाम, डा. अनिल कुमार एवं ई प्रमोद कुमार ने केंद्र के रबी शोध गतिविधियों की उपलब्धियों एवं आगामी कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इस दौरान प्रगतिशील किसान ध्रुव नारायण सिंह ने पलामू प्रमंडल में किसानों की कृषि मामले की समस्याओं की जानकारी दी। मौके पर सह निदेशक डा. डीएन सिंह ने केंद्र द्वारा चलाये जा रहे नींबू प्रजाति के फलों के बागो, अनुसंधान गतिविधियों तथा बीज उत्पादन कार्यक्रमों की उपलब्धियों के बारे में अवगत कराया।