बंग्लादेशी नागरिक को कोर्ट ने सुनाई साढ़े 7 साल की सजा, जाली पासपोर्ट; आधार कार्ड बनवाने के मामले में पाया गया था दोषी

जिला जज तृतीय रजनीकांत पाठक के न्यायालय ने सोमवार बंगलादेशी नागरिक शेख फरीदुल आलम को अधिकतम साढ़े सात साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। नहीं देने पर अतिरिक्त कारावास का प्रावधान किया है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 01:33 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 01:33 PM (IST)
बंग्लादेशी नागरिक को कोर्ट ने सुनाई साढ़े 7 साल की सजा, जाली पासपोर्ट; आधार कार्ड बनवाने के मामले में पाया गया था दोषी
बंग्लादेशी नागरिक को कोर्ट ने सुनाई साढ़े 7 साल की सजा। जागरण

रामगढ़, संस । जिला जज तृतीय रजनीकांत पाठक के न्यायालय ने सोमवार बंगलादेशी नागरिक शेख फरीदुल आलम को अधिकतम साढ़े सात साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। नहीं देने पर अतिरिक्त कारावास का प्रावधान किया है। जिले के चितरपुर प्रखंड क्षेत्र से जाली पासपोर्ट, आधार कार्ड व वोटर कार्ड बनवाने के मामले में बंग्लादेशी नागरिक को गत छह अप्रैल को दोषी करार दिया था। सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए आज की तिथि निर्धारित की गई थी।

न्यायालय ने बंगलादेश के फरीदपुर निवासी शेख फरीदुल आलम को इंडियन फारेन एक्ट 14 (ए), 14 (बी), भादवि की धारा 419, 468, 471 के तहत दोषी पाया था। इंडियन फारेन एक्ट 14 (ए) व 14 (बी) में साढ़े सात - साढ़े सात वर्ष की सजा व 40-40 हजार रुपए जुर्माना नहीं देने पर एक-एक वर्ष की सजा, भादवि की धारा 419 में दो साल सजा और पांच रुपए जुर्माना, नहीं देने पर दो महीने का अतिरिक्त कारावास, भादवि की धारा 468 में पांच साल सजा व 10 हजार रुपए जुर्माना, नहीं देने पर चार महीने की सजा, भादवि की धारा 471 में दो साल सजा व पांच हजार रुपए जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर दो महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है। सभी सजा साथ-साथ चलेगी।

कोलकाता एयरपोर्ट से नवंबर 2014 में पकड़ा गया था फरीदुल

रामगढ़ : शेख फरीदुल आलम कोलकाता एयरपोर्ट से 06 नवंबर 2014 को पकड़ा गया था। उसके पास से बंगलादेश व हिंदुस्तान का पासपोर्ट बरामद हुआ था। उसने रामगढ़ जिले के चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के इस्लाम नगर के पते को दर्शाते हुए गलत कागजात के आधार पर अपना पासपोर्ट बनवाया था। इस मामले में कोलकाता के पंचशायर थाने में कांड संख्या 153/2014 दर्ज हुआ था। उसके पास से रेसिडेंट परमिट भी फरीदपुर बंगलादेश के नाम पर था। मामले में रजरप्पा थाना पुलिस ने कांड संख्या 05/2015 दर्ज किया था। इसके बाद रजरप्पा थाना पुलिस फरीदुल को कोलकाता से रिमांड पर रामगढ़ लाई थी। पूछताछ में यह बात सामने आई थी उसने फर्जी कागजातों के आधार पर वोटर कार्ड व आधार कार्ड भी बनवा लिया था।

वर्तमान में आरोपित रामगढ़ उपकारा में बंद है। न्यायालय ने कोलकाता से पासपोर्ट, वीजा आदि बरामद कागजातों को मंगवाया। इसके बाद ही फर्जी दस्तावेजों के पुष्टि हुई। अपर लोक अभियोजक एस के शुक्ला ने अनुसंधान अधिकारी एएसआई उमेश कुमार शर्मा सहित कुल 12 लोगों का बयान न्यायालय में दर्ज कराया था। इंस्पेक्टर लिलेश्वर महतो कांड के सूचक बने। चितरपुर की मुखिया रेहाना प्रवीण ने भी न्यायालय में अपना बयान दर्ज कराते हुए कहा कि शेख फरीदुल चितरपुर का रहने वाला नहीं है। प्रस्तुत साक्ष्यों व अपर लोक अभियोजक के दलीलों के आधार पर न्यायालय ने फरीदुल को दोषी करार दे दिया।

जाली कागजातों के आधार पर बंगलादेशी नागरिक शेख फरीदुल आलम ने जाली वोटर कार्ड, आधार कार्ड, भारतीय पासपोर्ट के आधार पर हजारीबाग जिले के बरही क्षेत्र स्थित यूको बैंक में सेविंग अकाउंट भी खुलवा लिया था। इसके बाद बरही में ही उसने जमीन की रजिस्ट्री करवाई थी।

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