बंधु तिर्की ने एचईसी की स्थापना के लिए जमीन देने वालों के लिए मांगी नौकरी

कांग्रेस पार्टी के विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि एचईसी की स्थापना में कई लोगों ने जमीन दान की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 07:30 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 07:30 AM (IST)
बंधु तिर्की ने एचईसी की स्थापना के लिए जमीन देने वालों के लिए मांगी नौकरी
बंधु तिर्की ने एचईसी की स्थापना के लिए जमीन देने वालों के लिए मांगी नौकरी

जागरण संवाददाता, रांची : कांग्रेस पार्टी के विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि एचईसी की स्थापना के लिए मूलवासियों ने जो भूमि दी थी, उसमें से अधिकतर भूमि उद्देश्य बदल कर 22 विभिन्न संस्थानों को दे दी गई है। इन संस्थानों में विस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जाए। बंधु तिर्की ने कहा है कि 1958 में आदिवासियों और मूलवासियों ने एचईसी की स्थापना और राष्ट्र के विकास के नाम पर अपनी जमीन दे दी। रांची नगर निगम द्वारा सर्वे में इसमें से 2555.79 एकड़ भूमि अतिरिक्त घोषित की गई है। इस भूमि पर 22 विभिन्न केंद्रीय और निजी संस्थानों को जमीन आवंटित की गई है। ट्रिपल आइटी और आइआइएम, पासपोर्ट कार्यालय बनकर तैयार है और कार्यालय भी प्रारंभ हो गया है। इन केंद्रीय और निजी संस्थानों में विस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जाए।

उन्होंने कहा कि कई संस्थानों को मुड़मा में जमीन दी गई। इसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को 4.03 एकड़, दामोदर घाटी निगम को 2.62 एकड़, आइआइएम को 45.5 एकड़, राज्य पासपोर्ट कार्यालय को दो एकड़, जेएसआइ को 2.11 एकड़, नाबार्ड 2.14 एकड़, कला एवं संस्कृति संस्थान हुडको, आइटी पार्क, इंदिरा गांधी ओपन विश्वविद्यालय को 5.16 एकड़, सैनिक कल्याण बोर्ड को एक एकड़, सीबीआइ कार्यालय को 2.11 एकड़, डायरेक्टर ऑफ सेल्स वर्कर को 1.17 एकड़, आर्कियोलॉजिकल ऑफिस को 1.12 एकड़, झारखंड स्पेस एप्लीकेशंस सेंटर को 2.4 एकड़, सीपीडब्ल्यू डिपार्टमेंट को 3.07 एकड़ के अलावा डीसी कार्यालय, सीएमआइएल, एएसआइ, एसकेबी, निफ्ट, जीएसआइ, आइबीएम, सेंट्रल मेडिकल इन्वेस्टिगेशन लैब आदि को भी जमीन दी गई है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त जमीन को मूलवासियों को वापस कर दी जाए।

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