बाबूलाल मरांडी ने कहा, प्राइवेट अस्पतालों ने निर्लज्जता की हदें पार कर दी हैं...

Babulal Marandi झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि कोरोना संक्रमण काल में इस आपदा को अवसर बनाने और सिर्फ मुनाफा कमाने का हथियार मानने वाले चंद प्राइवेट अस्पतालों ने निर्लज्जता की हदें पार कर दी हैं।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 11:39 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 03:35 AM (IST)
बाबूलाल मरांडी ने कहा, प्राइवेट अस्पतालों ने निर्लज्जता की हदें पार कर दी हैं...
Babulal Marandi: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा, प्राइवेट अस्पतालों ने निर्लज्जता की हदें पार कर दी हैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। Babulal Marandi पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि कोरोना संक्रमण काल में लोगों को मौत के मुंह से बचाने में सरकारी-गैर सरकारी अस्पतालों एवं उनके सेवाभावी डाक्टरों, नर्सों, पारा मेडिकल स्टाफ के महत्वपूर्ण योगदान के लिए हमसभी उनके आभारी हैं। लेकिन, दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि विपदा के इस अवसर को सिर्फ मुनाफा कमाने का हथियार मानने वाले चंद प्राइवेट अस्पतालों ने निर्लज्जता की ऐसी हदें पार कर दी हैं।

ऐसे भुक्तभोगी मरीजों/उनकी देखरेख कर रहे परिजनों की आपबीती एवं अनुभव की बातें सुनकर बड़ी पीड़ा होती है। लोग बता रहे हैं कि उन कुछ अस्पतालों में भर्ती से लेकर इलाज तक में कैसी लापरवाही, उपेक्षा और पक्षपात किया जाता है। और उन जगहों पर रोगी के बिमारी की गंभीरता नहीं बल्कि उसका हैसियत और मुंह देखकर इलाज और देखभाल किया जाता है।

सरकार द्वारा दर निर्धारित किये गये होने के बावजूद कुछ अस्पतालों ने उसे नजरअंदाज कर लूटने और तड़पते-बिलखते लोगों के खून चूसने का ऐसा कीर्तिमान बनाया है कि सोशल मीडिया में यहां तक कहा जाने लगा है कि कुछ प्राइवेट अस्पताल आदमखोर हो गये हैं।

लोग बता रहे हैं कि कैसे मरीजों को आक्सीजन लगा कर यूं ही दिन-रात छोड़ दिया जा रहा है। कोई देखने तक नहीं आता। स्लाइन लगाकर उसे देखने तक कोई नहीं आता। स्लाइन खत्म हो जाता है। मरीज घंटी बजाता रहता है। कोई एटेंड करने नहीें आता। नतीजतन स्लाइन बोतल खाली होने के बाद भी लगा ही रह जाता है। डाक्टरों के मुताबिक यह इतना खतरनाक काम है कि मरीज की जान भी जा सकती है।

कुछ अस्पालों में पहले से उपलब्ध बेड के हिसाब से विशेषज्ञ डाक्टर, नर्स-टेक्नीशीयन, पारा मेडिकल स्टाफ नहीं। ऊपर से अस्पताल के गली-कूची तक में अनगिणत बेड लगा आक्सीजन का नली नांक में ठूंसकर पैसा लूटा जा रहा है। उन्होंने ऐसे अस्पतालों को आगाह करते हुए सुधार लाने की अपील की है।

रूपा तिर्की की मौत की जांच सीबीआइ से हो : रघुवर

साहिबगंज में पदस्थापित थानेदार रूपा तिर्की की मौत की जांच सीबीआइ से कराने की मांग पूर्व मुख्यमंत्रर रघुवर दास ने की है। दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे पुलिस की जांच गलत दिशा में चल रही है और जबरन इस मौत को आत्महत्या करार देने की साजिश की जा रही है। मामले की जांच कर रही पुलिस ने जिस पुलिस पदाधिकारी को इस मामले में फंसाने की कोशिश की है उसे लेकर ना तो परिजन सहमत हैं और ना ही आदिवासी संगठन। इस मामले की सीबीआइ जांच हो तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।

मनरेगा में 100 से बढ़ाकर 200 दिन का मिले रोजगार : सुदेश

पूर्व उपमुख्यमंत्री सह आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा है कि लाखों मनरेगा श्रमिकों को राहत दिलाने के लिए मनरेगा में रोजगार की सीमा 100 से बढ़ाकर 200 दिन किया जाना चाहिए। उन्होंने इसकी मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान अधिकतम 100 दिवस की सीमा तक मनरेगा मजदूरों को प्रतिदिन प्रति व्यक्ति पूरी मजदूरी का भुगतान किया जाए। साथ ही वर्ष 2021-22 में प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मनरेगा में निर्धारित 100 दिवस के रोजगार को बढ़ाकर प्रति परिवार 200 दिन किया जाना चाहिए। उन्होंने शहरी व प्रखंड क्षेत्रों में दिहाड़ी कमाने वाले ऑटो/वैन चालक, ठेले,खोमचे वाले तथा छोटे व्यापार करने वालों के लिए भी एक आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की मांग राज्य सरकार से की है। 

chat bot
आपका साथी