BJP Jharkhand: भाजपा में समर्थकों को तरजीह न मिलने पर असहज हुए बाबूलाल! सियासी हलचल

भाजपा में विलय के बाद झाविमो नेताओं को संगठन में तरजीह की उम्मीद थी। नई कार्यसमिति के एलान के बाद खुद मरांडी भी असहज बताए जाते हैं। भितरखाने इस पर गहन मंथन चल रहा है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 08:09 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 06:48 PM (IST)
BJP Jharkhand: भाजपा में समर्थकों को तरजीह न मिलने पर असहज हुए बाबूलाल! सियासी हलचल
BJP Jharkhand: भाजपा में समर्थकों को तरजीह न मिलने पर असहज हुए बाबूलाल! सियासी हलचल

रांची, राज्य ब्यूरो। प्रदेश भाजपा की नई कमेटी में नेताओं के चयन को लेकर अलग-अलग खेमे में भारी हलचल है। सबसे ज्यादा सुगबुगाहट पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के समर्थकों में है। बाबूलाल मरांडी लगभग 14 साल बाद भाजपा में इस आस में आए हैं कि उनके साथ-साथ आए विश्वस्तों को संगठन में तरजीह मिलेगी। उन्होंने अपने संगठन झारखंड विकास मोर्चा का विलय भी किया। झारखंड विकास मोर्चा के भाजपा में विलय के मौके पर पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने खुले मंच से एलान किया था कि हर स्तर पर सांगठनिक ढांचे में मोर्चा के लोगों को हिस्सेदारी मिलेगी।

बाबूलाल मरांडी को भी भाजपा विधायक दल का तत्काल नेता घोषित किया गया। मरांडी के राजनीतिक कद के मुताबिक भाजपा में उन्हेंं स्थान मिलने के बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि उनके करीबी नेताओं को प्रमुख पदों पर काम करने का मौका मिलेगा, लेकिन कमेटी में प्रमुखता नहीं मिलने से ऐसे नेताओं में निराशा है। वे लगातार बाबूलाल मरांडी से गुहार लगा रहे हैं। मरांडी भी खुद असहज बताए जाते हैं। उन्होंने फिलहाल सभी को मौन रहने का संकेत दिया है। 

प्रमुख नेताओं को महत्व नहीं मिलना अखर रहा

बाबूलाल मरांडी के करीबी नेताओं में जमशेदपुर के अभय सिंह हैं। जब विधायक प्रदीप यादव ने झारखंड विकास मोर्चा के भाजपा में विलय पर एतराज जताया तो मरांडी ने उन्हेंं बाहर का रास्ता दिखाया। बंधु तिर्की पहले ही निकाले जा चुके थे। ऐसे में बाबूलाल मरांडी ने अभय सिंह को झारखंड विकास मोर्चा का प्रधान महासचिव बनाया। बताते हैं कि झारखंड विकास मोर्चा विलय के पूर्व भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से कई दौर की बातचीत के लिए अभय सिंह ही अधिकृत किए गए थे। उन्होंने इसे पूरी गोपनीयता से अंजाम दिया।

अभय सिंह पूर्व में भाजपा के जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष थे, लेकिन बाबूलाल मरांडी से निकटता के कारण वे झारखंड विकास मोर्चा में गए। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से उनका छत्तीस का आंकड़ा है। वे जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ते थे। कयास लगाया जा रहा था कि अभय सिंह को भाजपा की प्रदेश कमेटी में अहम पद मिलेगा, लेकिन उनकी अनदेखी की गई।

उन्हें धनबाद के संगठन प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। इससे वे खुद अचंभित हैं और उनके समर्थकों में भी नाराजगी है। कहा जा रहा है कि रघुवर से छत्तीस के आंकड़े के कारण उनका पत्ता कटा। इसी प्रकार अंतिम कमेटी में केंद्रीय उपाध्यक्ष रहीं शोभा यादव समेत रमेश राही, सिमरिया के रामदेव भोक्ता, गिरिडीह के सुरेश साव आदि नेता बाबूलाल मरांडी के गुडबुक में थे, लेकिन इन्हेंं स्थान नहीं मिला।

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