B Ed in Special Education उत्तीर्ण भी दे सकेंगे टेट, नियुक्ति के बाद करना होगा ब्रिज कोर्स

Jharkhand. टेट में अब इंटर व स्नातक स्तर के प्रश्न पूछे जाएंगे। नई शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली में यह प्रावधान किया गया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 07:58 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 07:58 PM (IST)
B Ed in Special Education उत्तीर्ण भी दे सकेंगे टेट, नियुक्ति के बाद करना होगा ब्रिज कोर्स
B Ed in Special Education उत्तीर्ण भी दे सकेंगे टेट, नियुक्ति के बाद करना होगा ब्रिज कोर्स

रांची, राज्य ब्यूरो। बीएड इन स्पेशल एजुकेशन तथा डिप्लोमा इन स्पेशल एजुकेशन उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) दे सकेंगे। हालांकि, इसके लिए उन्हें अन्य निर्धारित योग्यताएं भी पूरी करनी होगी। राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट से स्वीकृत झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) नियमावली, 2019 में यह प्रावधान किया गया है।

ऐसे अभ्यर्थियों को इस शर्त के साथ टेट में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी कि शिक्षक पद पर नियुक्ति के बाद वे राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों से अपने खर्च पर छह माह का ब्रिज कोर्स पूरा करेंगे। यह अवसर उन्हें एक बार ही दिया जाएगा। इस शर्त को पूरा नहीं करने पर संबंधित अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्ति के लिए योग्य नहीं होंगे तथा उनकी उम्मीदवारी रद कर दी जाएगी।

नई नियमावली में परीक्षा के पैटर्न को कड़ा किया गया है। अब इस परीक्षा में कक्षा एक से पांच के शिक्षक के लिए इंटरमीडिएट तथा कक्षा छह से आठ के लिए स्नातक स्तर के प्रश्न पूछे जाएंगे। सिलेबस भी क्रमश: इंटरमीडिएट व स्नातक स्तर का होगा तथा प्रश्नों की कठिनाई का अधिकतम स्तर पर भी यही होगा।

सहायक विषय हिंदी होने पर नहीं बन सकेंगे शिक्षक

नई नियमावली में यह भी प्रावधान किया गया है कि भाषा शिक्षक के लिए अंग्रेजी या हिंदी के साथ चौदह अन्य विषयों में से किसी एक विषय में अतिरिक्त विषय के रूप में स्नातक उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। इनमें संस्कृत, उर्दू, फारसी, उडिय़ा, बांग्ला, संथाली, मुंडारी, हो, खडिय़ा, कुडुख, कुरमाली, खोरठा, नागपुरी तथा पंच परगनिया शामिल हैं। लेकिन, वैसे अभ्यर्थी जिनका सहायक या वैकल्पिक विषय के रूप में एमआइएल हिंदी रहा हो, वे भाषा शिक्षक के पद हेतु अर्हता नहीं रखते हैं।

सात वर्ष होगी प्रमाणपत्र की मान्यता

टेट परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यह प्रमाणपत्र सात वर्ष के लिए मान्य होगा। नियमावली में यह भी प्रावधान किया गया है कि संबंधित प्राधिकार (झारखंड एकेडमिक काउंसिल) के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रत्येक वर्ष लेना अनिवार्य होगा। बता दें कि राज्य में संबंधित रेगुलेशन जारी होने के नौ वर्ष बाद महज दो शिक्षक पात्रता परीक्षा हो सकी है।

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