Ayushman Bharat: आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का नाम बदलने की तैयारी; जानें पूरा माजरा

Ayushman Bharat Yojana मोदीकेयर के नाम से मशहूर इस योजना में अधिक राशि झारखंड सरकार का खर्च होने का तर्क दिया जा रहा है। अब निर्धारित आय वाले एपीएल को योजना से जोड़ने का विचार है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 04 Jul 2020 08:11 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 05:03 AM (IST)
Ayushman Bharat: आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का नाम बदलने की तैयारी; जानें पूरा माजरा
Ayushman Bharat: आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का नाम बदलने की तैयारी; जानें पूरा माजरा

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। Ayushman Bharat Yojana झारखंड में राज्य सरकार आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का नाम बदलने की तैयारी कर रही है। झारखंड में इस योजना के नाम की शुरुआत में मुख्यमंत्री या झारखंड के किसी महापुरुष अथवा शहीद का नाम जोड़ा जा सकता है। इसे लेकर विभिन्न स्तरों पर मंथन चल रहा है। इस पर आवश्यक तर्क देकर केंद्र सरकार से भी सहमति ली जा सकती है।

आयुष्मान भारत योजना का नाम बदलने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि इस योजना में केंद्र से अधिक राशि राज्य सरकार वहन करती है, इसलिए इसमें झारखंड की भी पहचान होनी चाहिए। अन्य सभी केंद्रीय योजनाओं में 60 फीसद राशि केंद्र सरकार वहन करती है, जबकि आयुष्मान भारत योजना में ऐसा नहीं है। इसके साथ ही झारखंड सरकार राज्य में गरीबी रेखा से ऊपर रह रहे मध्यम वर्ग को भी इस योजना के दायरे में लाने की कवायद में जुटी है। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर 2018 को झारखंड से ही पूरे देश के लिए इस योजना का शुभारंभ किया था।

सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में इस योजना की हुई समीक्षा बैठक में इसे लेकर चर्चा हुई तथा स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया। इस बैठक में योजना को और विस्तार देने तथा लाभुकों की संख्या बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। इसमें एपीएल परिवारों को भी इस योजना का लाभ देने की संभावनाओं पर चर्चा हुई। यह भी चर्चा हुई कि 5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले एपीएल परिवार भी खुद बीमा कंपनी को प्रीमियम का भुगतान कर इस योजना का लाभ ले सकते हैैं।

32 लाख परिवारों का शत-प्रतिशत खर्च वहन करती है झारखंड सरकार

केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत आर्थिक-सामाजिक आधार पर पिछड़े लोगों के सर्वेक्षण-2011 में शामिल 25 लाख परिवारों को ही लाभ देने की स्वीकृति दी है। इन परिवारों पर होनेवाले खर्च का 60 फीसद वहन केंद्र सरकार करती है, जबकि 40 फीसद  भुगतान राज्य सरकार करती है। राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आनेवाले सभी लाल व पीला कार्डधारियों को इसमें शामिल किया है। इस 32 लाख अतिरिक्त परिवारों पर होनेवाले खर्च का सौ फीसद भुगतान राज्य सरकार करती है।

आयुष्मान भारत से पहले स्वीकृत हुई थी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना

झारखंड की पिछली सरकार ने आयुष्मान भारत योजना शुरू होने से पहले ही वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने का निर्णय लिया था। इसपर कैबिनेट की स्वीकृति भी हो गई थी, लेकिन इस बीच आयुष्मान भारत के लिए केंद्रीय बजट में प्रावधान होने के कारण लगभग एक वर्ष तक यह योजना शुरू नहीं हो सकी। बाद में इस योजना की जगह ही केंद्र की आयुष्मान भारत योजना राज्य में शुरू की गई।

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