मिलिंद परांडे बोले- भगवान राम के प्रति आदिवासी समाज की गहरी आस्‍था, मंदिर निर्माण के लिए बढ़-चढ़कर दे रहे दान

Ayodhya Ram Mandir Donation विहिप के केंद्रीय महामंत्री ने कहा कि वनवासी समाज राम मंदिर निर्माण में भक्ति और आस्था से समर्पण कर रहा है। रांची में उन्‍होंने कहा कि निधि समर्पण अभियान 27 फरवरी से आगे नहीं बढ़ेगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 05:31 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 06:03 PM (IST)
मिलिंद परांडे बोले- भगवान राम के प्रति आदिवासी समाज की गहरी आस्‍था, मंदिर निर्माण के लिए बढ़-चढ़कर दे रहे दान
रांची में आयोजित कार्यक्रम में बोले विश्‍व हिंदू परिषद के मिलिंद परांडे। जागरण

रांची, [संजय कुमार]। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि अयोध्या में बनने वाले भव्य राममंदिर निर्माण में झारखंड सहित पूरे देश का सामान्य जनजाति समाज भक्ति और आस्था के साथ निधि समर्पण कर रहा है। पूर्व में झारखंड के जिन गांवों में पत्थलगड़ी का आंदोलन चला, वहां के लोगों ने भी उल्लास के साथ समर्पण किया। आदिवासी समाज के बीच भगवान राम के प्रति जो आस्था और विश्वास है, उसे समर्पण करके प्रकट किया। निधि समर्पण के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमत सोरेन से भी समय मांगा गया था, परंतु अभी तक उन्‍होंने समय नहीं दिया है।

विहिप, आरएसएस एवं अनुषांगिक संगठनों की ओर से चल रहा यह अभियान 27 फरवरी को हर हाल में समाप्त हो जाएगा। उसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में लोग ऑनलाइन राशि भेज सकते हैं। इस अभियान के तहत देश के 4 लाख गांवों के 11 करोड़ परिवार तक पहुंचने में हम सफल होंगे, ऐसा अनुमान है। वे पांच दिनों के झारखंड प्रवास पर बुधवार को रांची पहुंचने पर दैनिक जागरण से विशेष बातचीत कर रहे थे।

हर पंथ-संप्रदाय, जाति व भाषा के लोग कर रहे समर्पण

मिलिंद परांडे ने कहा कि निधि समर्पण अभियान में हर पंथ, संप्रदाय, जाति व भाषा के लोग समर्पण कर रहे हैं। कुछ लोगों को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों के लोग समर्पण कर रहे हैं। पूरे देश में प्रवास के दौरान मुझे उत्साह का माहौल दिखा। भिक्षा मांगने वाले, रास्ते से कचरा उठाकर जीवन यापन करने वालों से लेकर करोड़पति तक सभी लोग समान रूप से जुड़े हैं। राजनीति, उद्योग, कला तथा सामाजिक जीवन से जुड़े अनेक प्रतिष्ठित लोगों का इससे जुड़ाव हुआ है।

झारखंड के बीहड़ जंगलों से लेकर बर्फ से ढकी हुई पहाड़ों पर पैदल चल रहे हैं कार्यकर्ता

परांडे ने कहा कि पूरे देश में चल रहे इस अभियान में लाखों कार्यकर्ता लगे हैं। तय लक्ष्य को पूरा करने के लिए झारखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीहड़ जंगलों से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान और बर्फ से ढकी हुई पहाड़ों की पगडंडियों पर पैदल चल रहे हैं। हजारों कार्यकर्ता पारिवारिक काम छोड़ कर इस अभियान का काम देख रहे हैं। चाहे घर-घर जाकर निधि संग्रह करना हो या बैंक में राशि जमा करना हो। इस अभियान में कितने कार्यकर्ता लगे है, के सवाल पर कहा कि अप्रैल तक पूरा डाटा आ पाएगा।

कुछ लोग विहिप को करना चाहते हैं बदनाम

कुछ लोगों द्वारा अयोध्या में विहिप का कार्यालय बनने की बात कहे जाने के सवाल पर परांडे ने कहा कि इस तरह का बयान देकर कुछ लोग विहिप को बदनाम करना चाहते हैं। जो भी राशि आ रही है, सभी ट्रस्ट के खाते में जा रही है। सभी का ऑडिट होगा। खर्च भी श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट ही करेगी। विहिप का काम 27 फरवरी को पूरा हो जाएगा।

अभियान के बाद सेवाकार्यों पर ध्यान देगी विहिप

परांडे ने कहा कि इस निधि समर्पण अभियान के बाद विहिप के कार्यकर्ता गरीब लोगों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में सेवा कार्यों पर ध्यान देंगे। इसके साथ ही मतांतरण, लवजिहाद व गोहत्या रोकने का काम करेगी। इस अभियान के माध्यम से नए कार्यकर्ता भी जुड़ेंगे।

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